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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

179. शादी होती है और तलाक़ – होती है या होता है?

पति-पत्नी में तलाक़ होता है या होती है? तलाक़ लिया/दिया जाता है या ली/दी जाती है? दूसरे शब्दों में तलाक़ पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग? जब यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा गया तो 86% ने कहा – पुल्लिंग है। लेकिन उर्दू सीरियलों और फ़िल्मों में इसे स्त्रीलिंग के रूप में बोला जाता है। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

अधिकतर लोग मानते हैं कि तलाक़ पुल्लिंग है। जब कोई मियाँ-बीवी क़ानूनी तौर पर अलग होते हैं तो कहा जाता है – उन दोनों में तलाक़ हो गया। कोई यह नहीं कहता कि उनमें तलाक़ हो गई। लेकिन अगर आपको उर्दू सीरियलों का शौक़ है तो आप यह देखकर चौंक जाएँगे कि वहाँ तलाक़ को स्त्रीलिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मसलन फलाँ ने अपनी बीवी को तलाक दे दी।

तो क्या तलाक़ स्त्रीलिंग है और हम हिंदीभाषी ग़लत बोलते हैं? इसको जाँचने के लिए मैंने हिंदी के प्रामाणिक शब्दकोश टटोले। देखा कि वहाँ तलाक़ को पुल्लिंग ही बताया गया था (देखें चित्र)।

अब मैंने जानने की कोशिश की कि उर्दू के कोश क्या कहते हैं। वहाँ जो देखा, उसने सारा मामला साफ़ कर दिया। उर्दू कोश में यह स्त्रीलिंग दिया हुआ है (देखें चित्र)।

यानी हिंदी में यह पुल्लिंग है और उर्दू में स्त्रीलिंग।यह कोई अनोखी बात नहीं है। प्याज़ के मामले में ऐसा ही है। हिंदी में प्याज़ पुल्लिंग है जबकि उर्दू में स्त्रीलिंग है।

तलाक़ के बारे में खोजबीन करने के दौरान मुझे एक नई जानकारी मिली। जानकारी यह कि तलाक़ का अर्थ हम विवाह विच्छेद यानी पति-पत्नी का वैधानिक रूप से अलग होना समझते हैं मगर अरबी में एक और तलाक़ है जिसका मतलब बिल्कुल विपरीत है – मुलाक़ात (देखें चित्र)। 

पेच बस यह है कि दोनों तलाक़ एक ही तरीक़े से नहीं बोले-लिखे जाते। दोनों का शुरुआती ‘त’ अलग-अलग है। ऊपर तलाक़ को रोमन लिपि में लिखते समय दोनों त को अलग करने के लिए एक t के नीचे दो बिंदु लगाए गए हैं (देखें ऊपर का चित्र)।

दरअसल अरबी में त की ध्वनि के लिए दो वर्ण हैं। एक को ‘ते’ कहा जाता है, दूसरे को ‘ता’। उर्दू में इनको ‘ते’ और ‘तोय’ कहते हैं। मुझे बताया गया है कि दोनों ध्वनियों में मामूली अंतर है हालाँकि हमें इस अंतर को समझने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हिंदी में त की ध्वनि के लिए केवल एक ही वर्ण है – त।

वैसे भी हिंदी में केवल विवाह विच्छेद के अर्थ वाला तलाक़ चलता है इसलिए दूसरे तलाक़ के बारे में हमें ज़्यादा माथापच्ची करने की ज़रूरत है नहीं। चूँकि दोनों तलाक़ों का बिल्कुल प्रतिकूल अर्थ था – मुलाक़ात और अलगाव –  इसलिए केवल रोचकता की दृष्टि से मैंने यहाँ दूसरे तलाक़ का उल्लेख किया।

तलाक़ अक्सर इसलिए होता है कि पति या पत्नी के जीवन में कोई तीसरा आ गया होता है। किसी तीसरे के साथ ऐसे रिश्ते को हिंदी में क्या कहते हैं – विवाहेतर या विवाहेत्तर। इसपर हम अतीत में चर्चा कर चुके हैं। अगर आपने उस चर्चा में भाग न लिया हो और जानने में रुचि हो तो पढ़ें।

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