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5. अलविदा यानी विदाई या अंतिम विदाई?

अलविदा का क्या अर्थ है, फ़िलहाल के लिए विदा या हमेशा के लिए विदा? अधिकतर लोग समझते हैं कि इसका अर्थ हमेशा के लिए विदा होता है। फ़िल्मी गानों और शीर्षकों से भी यही अर्थ निकलता है। लेकिन क्या यह सच है? जानने के लिए आगे पढ़ें।

अलविदा का सही अर्थ जाननेवालों की तादाद मेरे अंदाज़े से काफ़ी ज़्यादा निकली – 35%। मैं 10% से अधिक का अनुमान नहीं लगा रहा था। चलिए, अच्छी बात है।

लेकिन यह सवाल तो रह ही जाता है कि आख़िर इतने बड़े हिस्से – 65% – को क्यों लगा कि ‘अलविदा’ का अर्थ हमेशा के लिए विदा या अंतिम विदाई है? मेरी समझ से इसके दो कारण हैं। कारण तो एक ही है, दूसरे ने इसे पुख़्ता किया है। दोनों कारण फ़िल्मों से जुड़े हुए हैं।

अगर आप पुराने गानों के शौक़ीन हैं तो आपने ‘अनारकली’ का वह गाना अवश्य सुना होगा – ‘ये ज़िंदगी उसी की है, जो किसी का हो गया, प्यार ही में खो गया।’ इस गीत के आख़िर में बीना राय जो फ़िल्म में अनारकली का रोल निभा रही थीं और इस सीन में ज़िंदा दीवार में चुनवाई जा रही थीं, अपने प्रेमी शहज़ादे सलीम के लिए पुकार-पुकारकर कहती हैं, ‘अलविदाऽऽ, अलविदाऽऽ, अलविदाऽऽ (देखें चित्र)।

चूँकि इसके बाद अनारकली की मौत ही होनी थी और दोनों प्रेमियों को फिर कभी नहीं मिलना था, सो इस ‘अलविदा’ का अर्थ उन सबने, जो उर्दू शब्दों से ज़्यादा वाक़िफ़ नहीं थे, यही लिया कि ‘अल’ का अर्थ है ‘हमेशा के लिए’ और अलविदा का अर्थ है हमेशा के लिए विदा।

यह घपला इसलिए भी हुआ कि ‘विदा’ शब्द से सभी अच्छी तरह परिचित थे। ‘विदा’ शब्द तो हिंदी में इतना रच-बस गया है कि ‘बारात की विदाई सुबह होगी’ जैसे वाक्य हम अकसर शादी के वक़्त सुनते हैं। सो लोगों ने सोचा कि जब ‘विदा’ का मतलब अलग होना है तो ‘अलविदा’ का मतलब हमेशा के लिए अलग होना ही होता होगा।

शब्दकोशों में अलविदा का अर्थ

अलविदा के इस अर्थ को और बल मिला बाद के कुछ और गानों से। जैसे ‘निकाह’ के एक लोकप्रिय गाने के पहले की पंक्ति है – अभी अलविदा मत कहो दोस्तो, न जाने कहाँ फिर मुलाक़ात हो। ’लाइफ़ इन अ मेट्रो’ के गाने से भी अलविदा का यही अर्थ समझ में आता है – अलविदा, अलविदा, अब कहना और क्या, जब तूने कहा दिया अलविदा।

यह अर्थ तब और गहरा हुआ जब एक फ़िल्म आई – ‘कभी अलविदा ना कहना’। अब यदि ‘अलविदा’ का मतलब केवल एक दिन या एक सप्ताह या कुछ महीनों के लिए अलग होना होता तो कोई क्यों कहता – ‘कभी अलविदा ना कहना’ क्योंकि कुछ समय के लिए अलग होना तो बहुत स्वाभाविक है!

कहने का अर्थ यह कि अलविदा शब्द का इस्तेमाल दोनों मामलों में हो सकता है – चाहे वह अलगाव कुछ समय के लिए हो या हमेशा के लिए। जैसे अंग्रेज़ी का गुडबाइ या बाइ शब्द है। किसी से कुछ समय के लिए अलग होना हो, तब भी बाइ कह सकते हैं और हमेशा के लिए बिछड़ना हो, तब भी।

अब आप जानना चाहेंगे कि अल (या अल्) का अर्थ आख़िर क्या है। क्यों विदा में ‘अल’ या ‘अल्’ लगाना ज़रूरी हो गया जबकि मतलब में कोई अंतर नहीं पड़ा? तो जैसा कि उर्दू जाननेवाले मेरे एक साथी से मुझे बताया, ‘यह अरबी शब्द है और अंग्रेज़ी के The की तरह प्रयुक्त होता है। जैसे man और the man में ज़्यादा अंतर नहीं है, वैसे ही विदा और अलविदा में कोई अंतर नहीं है। डॉ. रामचंद्र वर्मा का उर्दू-हिंदी कोश भी यही कहता है कि अल (अरबी शब्द अल्) शब्दों से पहले लगकर उसपर ज़ोर देता है।

जब अल की बात छिड़ी तो मैं आपको दो-तीन रोचक बातें बता दूँ। क्या आपको पता है कि ऐलजिब्रा (बीजगणित) और केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) का भी अल से कुछ रिश्ता है? ये विषय आपने स्कूल में पढ़े होंगे लेकिन यह नहीं पता होगा कि इनके अंग्रेज़ी नामों का अरबी से भी कोई संबंध है।

पहले ऐलजिब्रा (Algebra) के बारे में। यह अरबी के अल्जब्र से आया है जिसका अर्थ है टूटे हुआ हिस्सों का फिर से जुडना। इस शब्द का स्पैनिश में ‘सर्जरी के द्वारा टूटी हड्डियों को जोड़ने’ के सेंस में भी इस्तेमाल होता है लेकिन गणितीय अर्थ एक किताब से निकला है जिसका नाम है ‘इल्म अल्जब्र वल-मुक़ाबला’। इसके लेखक थे अबू जफर मुहम्मद इब्न मूसा जिनको अल-क्वारिज़्मी के नाम से भी जाना जाता है। ऐलगरिदम (Algorithm) के नाम में भी इन जनाब अल-क्वारिज़्मी का योगदान माना जाता है।

इसी तरह केमिस्ट्री (Chemistry) शब्द बना है Alchemy (ऐलकिमी) से जो बना है अरबी शब्द अल्कीमिया से। अल्कीमिया या Alchemy का अर्थ है किसी चीज़ को दूसरी चीज़ में परिवर्तित करना, ख़ासकर धातुओं से सोना बनाना या अमृत बनाना। ज़ाहिर है, तब के ये कीमियागर जो अपनी विद्या को जादूगरी बताते थे, अपने मक़सद में कामयाब नहीं हुए लेकिन इसी प्रक्रिया में उन्होंने कुछ और काम की चीज़ें बना डालीं।

ऐसा न समझें कि जितने भी अल से शुरू होनेवाले शब्द हैं, सब अरबी से आए हैं। जैसे अलमारी। यह पुर्तगाली शब्द Armario से आया है। अलकतरा Alcatrao से आया है। यह भी पुर्तगाली शब्द है।

पुर्तगाली से हिंदी में आनेवाले और शब्दों की लिस्ट देखेंगे तो चौंक जाएँगे। अनन्नास (Annanas), आलपिन (Alfinete), बाल्टी (Balde), किरानी (Carrane), चाबी/चाभी (Chave), फ़ीता (Fita), फालतू (Falto), गिरजा (Igreja), पेड़ा (Pera) और तंबाकू (Tobacco)।

पहले से बता दूँ कि न मैं अरबी का विद्वान हूँ, न पुर्तगाली का, न ही किसी और भाषा का। ये सारी जानकारियाँ मैंने किताबों और शब्दकोशों से ली हैं। हो सकता है, कुछ शब्दों के ऑरिजिन पर विवाद हो जैसे ‘पेड़ा’ के बारे में नागरी प्रचारिणी सभा का संक्षिप्त हिंदी शब्दसागर कहता है कि यह संस्कृत के पिंड से आया है। इसी तरह ‘फ़ीता’ को वह फ़ारसी से आया बता रहा है। ‘फालतू’ को वह देशज बता रहा है। शब्दों का बनना-बिगड़ना सैकड़ों सालों से चल रहा है और इस दौरान कई शब्द इस भाषा से उस भाषा में आए-गए। इसलिए कहना मुश्किल होता है कि मूल शब्द कौनसा था और हिंदी में वह कहाँ से आया।

वैसे एक शब्द के बारे में सभी एकमत हैं। वह है मैंगो। अंग्रेज़ी शब्द Mango आया है पुर्तगाली शब्द Manga से जिसका स्रोत है मलयालम शब्द मांगा और उसका स्रोत है तमिल शब्द मांगै। माना जाता है कि 15वीं और 16वीं शताब्दी में दक्षिण भारत से व्यापार के दौरान यह शब्द भारत से पुर्तगाल पहुँचा और वहाँ से अंग्रेज़ी में।

तो अब आज के लिए अलविदा कहता हूँ। जी हाँ, फ़िलहाल के लिए विदा, हमेशा के लिए नहीं।

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2 replies on “5. अलविदा यानी विदाई या अंतिम विदाई?”

अलविदा के बारे में बहुत रोचक जानकारी दी।मैं भी अल को अंग्रेजी के द की तरह जानता था। लेकिन फिर भी अलविदा का अर्थ वहीं लेता था जो फिल्मों ने कहा है। धन्यवाद।

बहुत अच्छी जानकारी बस डर इस बात का है कि किसी ने अगर “हमेशा के लिए अलविदा” लिख दिया तो सही होते हुए भी लोग बेबकूफ़ समझेंगे😊

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