वर्ल्ड कप क्रिकेट के फ़ाइनल में भारत की हार पर दुखी हैं? क्यों दुखी हैं? क्या इसलिए कि इस हार के कारण आपने ख़ुद पर गर्व करने का एक सुनहरा मौक़ा खो दिया? ‘ईस्ट ऑर वेस्ट, इंडिया इज़ द बेस्ट’ का नारा लगाने का अवसर गँवा दिया? लेकिन सच बताइए, अगर भारत जीत भी जाता तो क्या आपका कुछ हक़ था उस जीत पर इतराने का? आख़िर टीम के प्रदर्शन में आपका योगदान क्या होता है सिवाय तालियाँ बजाने के?