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246. सही क्या? हाथ ‘का’ मैल या हाथ ‘की’ मैल?

मैल शब्द का अर्थ तो सभी जानते हैं। मगर मैल का लिंग क्या है? हाथ ‘का’ मैल बोलेंगे या हाथ ‘की’ मैल? जब मैंने यही सवाल फ़ेसबुक पर पूछा तो मिश्रित जवाब मिला। 56% मे कहा – हाथ ‘का’ मैल तो 44% ने कहा – हाथ ‘की’ मैल। शब्दकोश तक इस मामले में बँटे और भ्रमित नज़र आते हैं। ऐसे मैं कैसे तय किया जाए मैल का लिंग?

फ़ेसबुक पर हुए पोल में 56% ने मैल को पुल्लिंग और 44% ने उसे स्त्रीलिंग बताया।

लेकिन क्या बहुमत के आधार पर इसे पुल्लिंग घोषित कर देना चाहिए, ख़ासकर तब जब दोनों में अंतर बहुत अधिक न हो? फ़ैसला करना मुश्किल है। मुश्किल इसलिए भी कि शब्दकोश इस मामले में हमारी कोई मदद नहीं करते। उलटे वे हमें और भरमा देते हैं क्योंकि वे स्वयं भी इस मसले पर बँटे हुए हैं।

मैंने इस शब्द का लिंग जाँचने के लिए पाँच शब्दकोशों को कन्सल्ट किया – दो ने इसे पुल्लिंग बताया (हिंदी शब्दसागर, ज्ञानकोश) जबकि तीन ने इसे स्त्रीलिंग बताया (राजपाल कोश, बुल्के कोश, ऑक्सफ़र्ड कोश)। लेकिन जो कोश इसे पुल्लिंग या स्त्रीलिंग बता रहे हैं, वे ख़ुद भी इस मामले में कन्फ़्यूश्ज़्ड दिखे। जैसे हिंदी शब्दसागर इसे पुल्लिंग बता रहा है लेकिन मुहावरे का ज़िक्र करते हुए हाथ ‘की’ मैल लिख रहा है (देखें चित्र)।

इसी तरह राजपाल कोश इसे स्त्रीलिंग बता रहा है लेकिन उदाहरण के तौर पर पुल्लिंग परसर्ग ‘का’ का प्रयोग कर रहा है – मन ‘का’ मैल (देखें चित्र)।

ये विसंगतियाँ इन तमाम शब्दकोशों और उनके कोशकारों का कन्फ़्यूश्ज़न दिखाती हैं। वही कन्फ़्यूश्ज़न जो इस शब्द को लेकर हिंदी में है। दही, सामर्थ्य, प्याज़, तार ही की तरह मैल भी दोनों ही रूपों में इस्तेमाल हो रहा है और कोशकार उभय लैंगिक प्रयोगों के बीच ख़ुद चकरा जाते हैं। एंट्री में कुछ लिखते हैं तो उदाहरण में कुछ और बता जाते हैं।

वैसे भी हिंदी में लिंग का कोई ठोस नियम नहीं है जिसके आधार पर मैल का लिंग तय किया जा सके।

मूल शब्द या अर्थ के आधार पर उसका लिंग तय करने जाएँ, तब भी दुविधा ही बनी रहती है। मैल मल (पुल्लिंग) से बना है तो उसे पुल्लिंग होना चाहिए। मैल का अर्थ गंदगी (स्त्रीलिंग) है तो उसे स्त्रीलिंग होना चाहिए।

हो सकता है, इसी दुविधापूर्ण स्थिति के कारण यह शब्द स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों तरह से बोला जा रहा है और संभवतः बोला जाता रहेगा। आलिम सर इसमें कुछ नहीं कर सकते।

जिस तरह मैल के लिंग पर दुविधा होती है, वैसे ही ख़्वाब और ख़ाब की स्पेलिंग पर भी होती है। शब्दकोश में ख़्वाब मिलता है तो गानों में मशहूर गायक ख़ाब बोलते सुनाई देते हैं। इन दोनों में सही क्या है, यह जानने के लिए पढ़ें यह चर्चा।

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