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190. परसों के बाद तरसों होता है या नरसों?

आज के बाद वाले दिन को कल कहते हैं और कल के बाद वाले को परसों। और परसों के बाद वाले दिन को क्या कहते हैं? तरसों? या नरसों? जब मैंने इसपर फ़ेसबुक पोल किया तो पता चला कि ‘तरसों’ और ‘नरसों’ के बीच तो सारा देश बँटा हुआ है। 36% का मानना था कि परसों के बाद वाले दिन को ‘तरसों’ कहते हैं तो 57% का कहना था कि परसों के बाद वाले दिन को ‘नरसों’ कहते हैं। 7% का मत था कि दोनों सही हैं। आख़िर सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

जॉनी वॉकर की एक फ़िल्म याद आती है जिसमें उनके इतने बच्चे होते हैं कि उन्हें अपने बच्चों के नाम ही याद नहीं रहते। किसी को बुलाते हैं तो दूसरा दौड़ा चला आता है। हिंदी में भी ‘तरसों’ और ‘नरसों’ को लेकर ऐसा ही भ्रम है। कोई कहता है – आज से तीसरे दिन का नाम ‘तरसों’ है और चौथे दिन का ‘नरसों’। दूसरा कहता है, नहीं, आज से तीसरे दिन का नाम ‘नरसों’ है, और चौथे दिन का ‘तरसों’। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि सही क्या है। परसों के बाद वाले दिन को क्या कहते हैं – तरसों या नरसों? और उसके भी बाद वाले दिन को?

समस्या यह है कि शब्दकोश इस मामले में हमारी पूरी तरह से सहायता नहीं करते। अधिकतर कोशों में ‘तरसों’ मिलता ही नहीं। मिलता है ‘नरसों’ मगर वहाँ भी एक और शब्द की ओर इशारा किया गया है (उस शब्द के बारे में आगे बात करेंगे)। बॉलिवुड के हिट गाने ‘अच्छा तो हम चलते हैं’ में भी परसों के बाद ‘नरसों’ आया है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक या टैप करें और सुनें किस तरह नायक राजेश खन्ना के सुझाव ‘कल मिलो या परसों’ के जवाब में नायिका आशा पारेख कहती हैं, ‘परसों नहीं, नरसों’।

इस गाने के बोल से और शब्दकोशों में ‘नरसों’ की मौजूदगी और ‘तरसों’ की अनुपस्थिति से हम क्या यह मतलब निकालें कि ‘नरसों’ ही सही है, ‘तरसों’ नहीं? जी नहीं। ऐसा करना जल्दबाज़ी होगा क्योंकि क्लाइमैक्स का सीन तो अभी बाक़ी है।

मैंने ऊपर कहा कि शब्दकोशों में ‘तरसों’ की एंट्री नहीं दिखती मगर उससे बहुत ही ज़्यादा मिलता-जुलता एक और शब्द मिलता है – अतरसों (देखें चित्र)।

अर्थात् शब्दकोशों की मानें तो परसों के बाद का अगला दिन ‘अतरसों’ होता है। समझा जा सकता है कि इस ‘अतरसों’ से ही ‘तरसों’ बना होगा। पोल के दौरान एक साथी ‘अंतर्निहित’ मनीष ने बताया कि वे आगरा के हैं और उनके घर-परिवार में ‘अतरसों’ ही बोला जाता था।

अब फिर से आते हैं शब्दकोश पर और देखें कि नरसों की एंट्री में क्या लिखा है। वहाँ लिखा है – बीते हुए परसों के बाद का दिन और आने वाले परसों के पहले का दिन। यही अर्थ ऊपर अतरसों (तरसों) का भी दिया हुआ है। यानी दोनों समानार्थी हैं। नरसों की ही एक और एंट्री में इसे और भी स्पष्ट कर दिया गया है। (देखें चित्र)।

अब आते हैं इस सवाल पर कि ये शब्द कैसे बने होंगे। परसों के बारे में तो किसी प्रकार का संदेह नहीं है। यह संस्कृत के परश्वः से बना है जहाँ श्वः का अर्थ है ‘कल’ और ‘पर’ का अर्थ है बाद। दोनों के जुड़ने से बना परश्वः। इसी से बना है परसों।

लेकिन ‘तरसों’ और ‘नरसों’ कैसे बने, इसके बारे में अलग-अलग राय है। कुछ लोगों को मानना है कि परसों की देखादेखी उसके बाद वाले दिनों के लिए तरसों, नरसों, खरसों, सरसों आदि गढ़ लिए गए। लेकिन कुछ लोग संस्कृत में इनका स्रोत खोजते हैं, ख़ासकर अतरसों का।

हिंदी शब्दसागर के अनुसार अतरसों इतर+श्वः यानी इतरश्वः से बना है (देखें चित्र)। यानी इतरश्वः>अतरसों>तरसों।

  • मेरे भाषामित्र सुबोध दुबे ने अपने संदर्भों के आधार पर तीन और संभावनाएँ बताई हैं – अति+परश्वः>अतरसों>तरसों।
  • त्रि+श्वः>तरसों। 
  • अंतर+श्वः>अतरसों>तरसों।

नरसों की उत्पत्ति के बारे में भी कुछ अटकलें लगाई गई हैं मगर वे बहुत आश्वस्त नहीं करतीं।

तो निष्कर्ष यह कि परसों के बाद वाले दिन को कहीं-कहीं ‘तरसों’ और कहीं-कहीं ‘नरसों’ कहते हैं। शब्दकोश भी दोनों को समानार्थी बताते हैं। मुझे लगता था कि ‘तरसों’ ज़्यादा चलता है (मैं वही बोलता हूँ और बांग्ला में भी यही चलता है – তরশু/तरशु) मगर पोल के जवाब से लगा कि हिंदी समाज में ‘नरसों’ अधिक प्रचलित है। वोट करने वाले कुछेक साथियों ने यह भी कहा कि उन्होंने तो ‘नरसों’ कभी सुना ही नहीं था और जिन लोगों ने सुना था, वे मानते थे कि ‘तरसों’ के बाद का दिन ‘नरसों’ होता है। इसके उलट जो परसों के बाद वाले दिन को ‘नरसों’ बोलते हैं, उनके मत से ‘नरसों’ के बाद वाला दिन ‘तरसों’ है।

साथियों से मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला कि उत्तर प्रदेश के अवध जैसे कुछ इलाक़ों में आज→कल→परसों→नरसों→तरसों की प्रवृत्ति है तो बिहार के भोजपुर जैसे क्षेत्रों में यह ट्रेंड चलता है – आज→कल→परसों→तरसों→नरसों।

कुछ साथियों ने पाँचवें दिन के लिए ‘खरसों’ या ‘सरसों’ भी कहा लेकिन इनके प्रचलन पर मुझे संदेह है। कारण, आज से दो-तीन दिन बाद के बारे में तो हम परसों-तरसों कहकर बात कर सकते हैं मगर उसके बाद के दिनों के लिए तारीख़ या वार का उपयोग ही सुविधाजनक होता है।

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One reply on “190. परसों के बाद तरसों होता है या नरसों?”

मैं बृज का रहने वाला हूँ। बचपन मेंएक अतिसमृद्ध तथा शिक्षित परिवार में मुझे जो क्रम सिखाया गया-
कल, परसों, अतरसों, तरसों, नरसों।

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