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81. निर्देशक तो समझ में आता है, यह निदेशक क्या है?

अंग्रेज़ी शब्द Director के लिए सालों से हिंदी में दो शब्द चल रहे हैं – निर्देशक और निदेशक। निर्देशक तो समझ में आता है जो निर्देश दे। लेकिन निदेशक शब्द क्या है और वह कैसे बना? जानने के लिए आगे पढ़ें।

अंग्रेज़ी शब्द Director के लिए सालों से हिंदी में दो शब्द चल रहे हैं – निर्देशक और निदेशक। इनमें से सही क्या है, इस बारे में हुए फ़ेसबुक पोल में 29% लोगों ने निर्देशक और 22% लोगों ने निदेशक (22%) को चुना। 49% लोगों ने दोनों को सही बताया।

सही है विकल्प नं. 3 यानी दोनों सही हैं… परंतु एक शर्त के साथ। शर्त यह है कि अंग्रेज़ी में Director के दो अलग-अलग अर्थ हैं लेकिन दोनों के लिए Director शब्द ही चलता है। लेकिन हिंदी में उन दो अर्थों के लिए कहीं निदेशक होगा और कहीं निर्देशक। कहाँ क्या होगा, यह हम आगे जानेंगे।

Director के दो अलग-अलग अर्थों के लिए हिंदी में दो अलग-अलग शब्द – और वे भी बिल्कुल मिलते-जुलते – क्यों हैं, और क्या इन दोनों में से किसी एक शब्द से हिंदी का काम नहीं चल सकता था, इसके बारे में चर्चा करने से पहले हम यह जान लें कि निदेशक और निर्देशक – इन दोनों शब्दों का जन्म कैसे हुआ। क्या ये हमें संस्कृत से मिले हैं? नहीं, क्योंकि संस्कृत के कोशों में निदेश और निर्देश तो हैं, लेकिन निदेशक और निर्देशक (मौजूदा अर्थ में) मुझे किसी कोश में नहीं मिले। इसका अर्थ यह कि (संस्कृत के शब्दों से मदद लेकर) ये दोनों शब्द हिंदी में विशेष रूप से गढ़े गए हैं। क्यों गढ़े गए हैं? क्योंकि हिंदी के पास Director के लिए कोई बना-बनाया शब्द नहीं था।

जब किसी आयातित शब्द का हिंदी में ठीक-ठीक पर्याय मौजूद नहीं होता तो या तो हम उसे उसी रूप में स्वीकार कर लेते हैं जैसे ब्रेड और कॉफ़ी या कभी-कभी थोड़े परिवर्तन के साथ ग्रहण कर लेते हैं जैसे पलीस (Police का अंग्रेज़ी उच्चारण) को पुलिस कर दिया, हॉस्पिटल का अस्पताल बना दिया। परंतु कई बार हम उस आयातित शब्द के लिए कोई नया शब्द गढ़ने की मेहनत भी करते हैं और इस काम में हमें मदद मिलती है संस्कृत के विशाल शब्दभंडार से। Director के मामले में भी यही हुआ।

डायरेक्टर शब्द का हिंदी पर्याय खोजते समय निर्णायकों ने उसके अर्थों पर अवश्य ग़ौर किया होगा। ऑक्सफ़र्ड डिक्शनरी के अनुसार Director का सामान्य अर्थ है – किसी गतिविधि, विभाग या संगठन का प्रभारी। लेकिन उसमें ख़ास तौर पर अलग से ये दो अर्थ भी दिए हुए हैं –
1. किसी व्यवसाय का संचालन करने वाले मंडल (बोर्ड) का सदस्य।
2. वह व्यक्ति जो किसी फ़िल्म, नाटक या ऐसी ही किसी प्रस्तुति में अभिनय करने वालों तथा दूसरे कर्मचारियों को निर्देशित करता है।

निदेश और निर्देश बने हैं दिश् धातु से

मुझे नहीं मालूम डायरेक्टर के लिए हिंदी पर्याय खोजते समय पहले-पहल जो शब्द चुना गया था, वह निदेश था या निर्देश। वैसे निदेश और निर्देश दोनों में ‘दिश्’ धातु है जिसका अर्थ होता है – इंगित करना, दिखाना, काम सौंपना, आज्ञा देना, दिशा देना (देखें चित्र)। इसी ‘दिश्’ में ‘नि’ और ‘निस्’ (निर्) उपसर्ग के जुड़ने से निदेश और निर्देश बने।

निर्णायकों को लगा होगा कि चाहे बिज़नेस चलाना हो या कोई फ़िल्म बनानी हो, अपने दोनों ही अर्थों में डायरेक्टर का काम साथियों या अधीनस्थों को मार्ग या दिशा दिखाना है कि कोई काम कैसे किया जाए और कैसे न किया जाए। उसके इस दिशा दिखाने में सलाह और आज्ञा का मिलाजुला पुट होता है। इसलिए उन्होंने निदेश और निर्देश, जिनके यही अर्थ हैं (देखें चित्र), उनमें ‘क’ प्रत्यय लगाकर निर्देशक और निदेशक शब्द बना लिए।

यह भी हो सकता है कि शुरुआत में निदेशक और निर्देशक को लेकर ख़ूब विवाद हुआ हो कि कौनसा ज़्यादा सही है और बाद के दिनों में यह विवाद अपने-आप सुलझ गया हो जब कंपनियों या सरकार में पदस्थ अधिकारियों के लिए निदेशक को मानक मान लिया गया हो और कला जगत से जुड़े लोगों के लिए निर्देशक।

नेट पर सर्च करते समय मुझे पता लगा कि कुछ लोग निर्देश (निर्+देश) को इस आधार पर ग़लत ठहराते हैं कि उसमें ‘निर्’ उपसर्ग लगा है जो नकार का अर्थ देता है जैसे निर्दोष, निर्मम, निर्दय आदि। ऐसे लोगों के अनुसार निर्देश निदेश का पर्याय नहीं बल्कि उसका विलोम होगा। लेकिन ऐसा है नहीं। मकडॉनल के संस्कृत-अंग्रेज़ी शब्दकोश के अनुसार ‘नि’ और ‘निस्’ समानार्थी हैं और ‘नि’ उपसर्ग ही कहीं-कहीं ‘निस्’ में बदल जाता है (देखें चित्र)।

कुछ पाठकों को लग रहा होगा कि मैं बात तो ‘निस्’ उपसर्ग की कर रहा हूँ लेकिन निर्देश या निर्देशक में तो ‘निर्’ उपसर्ग लगा हुआ है, न कि निस्। तो उसका कारण यह कि संधि के नियमों के अनुसार घोष व्यंजनों जैसे ज, द, म आदि के आगे ‘निस्’ ‘निर्’ हो जाता है जैसे निर्जन, निर्दय, निर्मम आदि।

अंत में अपनी बात को समेटते हुए कहना चाहूँगा कि संस्कृत में भले ही निदेश और निर्देश समानार्थी शब्द हों लेकिन इन शब्दों की मदद से हिंदी में जो दो शब्द बनाए गए हैं, उनके प्रयोग में अंतर किया गया है। नाटक तथा फ़िल्म के डायरेक्टर के लिए निर्देशक चलता है तथा सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं के डायरेक्टर के लिए निदेशक चलता है।

कुछ लोगों के ज़ेहन में यह सवाल आ रहा होगा कि इस पोस्ट में मैंने Director का लिप्यंतर डायरेक्टर किया है। लेकिन कई लोग डिरेक्टर भी बोलते हैं। तो सही क्या है? ऑक्सफ़र्ड के अनुसार दोनों सही हैं। कई लोग डायरेक्टर की जगह डाइरेक्टर भी लिखते हैं।

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