Categories
आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

55. होली के लिए मशहूर है जो, वह ब्रज है या बृज है?

एक ख़ास इलाक़े की होली बहुत मशहूर है। उस इलाक़े का सही नाम क्या है – व्रज/ब्रज या वृज/बृज? इन शब्दों के दो-दो रूप चलते हैं – व वाला रूप संस्कृत का है, ब वाला हिंदी का। इसलिए वह कोई मुद्दा नहीं है। मुद्दा यह है कि व या ब के नीचे र की टेढ़ी लकीर लगेगी या ऋ की मात्रा। जवाब के लिए आगे पढ़ें।

जब व्रज और वृज पर फ़ेसबुक पर पोल किया गया तो 55%  ने व्रज/ब्रज के पक्ष में वोट दिया और 45% ने वृज/बृज के पक्ष में।

जैसा कि ऊपर कहा, व्रज और वृज ये दोनों शब्द संस्कृत से आए हैं, सो उचित है कि हम संस्कृत के शब्दकोश में अपना जवाब तलाशें। संस्कृत के शब्दकोश में मुझे व्रजः के रूप में व्रज मिला, वृज नहीं मिला। व्रजः के वहाँ कई अर्थ दिए हुए हैं जैसे झुंड, ग्वालों का इलाक़ा, गोशाला, निवास, सड़क आदि। एक अर्थ यह भी दिया हुआ है – मथुरा के पास के एक ज़िले का नाम। व्रजम् का अर्थ दिया हुआ है जाना, चलना आदि। चूँकि ग्वालों का काम गायें चराना और चारे की तलाश में यहाँ-वहाँ घूमना होता था इसीलिए संभव है, मथुरा के आसपास रहने वाले ग्वालों के इलाक़े का नाम व्रज पड़ गया हो।

हिंदी शब्दसागर में भी व्रज के यही अर्थ दिए हुए हैं। शब्दसागर में ब्रज भी दिया हुआ है लेकिन मूल शब्द व्रज ही बताया गया है।

तो क्या निष्कर्ष यह कि व्रज/ब्रज ही सही हैं और वृज/बृज बिल्कुल ग़लत? अगर ऐसा है तो बृजनाथ, बृजेश आदि नाम आए कहाँ से?

इस सवाल का जवाब भी शब्दकोशों में ही है।

मैं जब वृज तलाश कर रहा था तो शब्दसागर में मुझे एक मिलता-जुलता शब्द मिला वृजि जिसका अर्थ दिया गया है – व्रजभूमि। यह संस्कृत का शब्द था लेकिन आश्चर्य है कि आप्टे या मकडॉनल के शब्दकोशों में मुझे वृजि नहीं मिला। प्लैट्स के शब्दकोश में भी यह शब्द है और यही अर्थ बताया गया है। साथ में यह भी लिखा हुआ है कि इसी से वृज और बृज निकले हैं (देखें चित्र)।

तो क्या मूल शब्द वृजि है जिससे व्रज और वृज निकले? पता नहीं। लेकिन वृजि और उसका अर्थ देखने के बाद मैं वृज/बृज को ग़लत बताने की स्थिति में नहीं हूँ।

इसीलिए आज के पोल का निष्कर्ष भी अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की तरह ही दे रहा हूँ जिसमें कहा गया है कि पिछली कई सदियों से बाबरी मसजिद/राम जन्मभूमि परिसर का इस्तेमाल हिंदू और मुसलमान दोनों किया करते थे लेकिन ‘संभावनाओं के तराज़ू’ (BALANCE OF PROBABILITIES) पर तौलने पर ऐसा लगता है कि हिंदू उस स्थान का मुसलमानों से ज़्यादा इस्तेमाल करते थे, इसलिए कोर्ट ने ज़मीन हिंदू पक्ष को दे दी।

उसी तरह मैं भी कहना चाहूँगा कि शब्दकोशों में वृजि और व्रजः दोनों मिलते हैं लेकिन ‘उपयोग के तराज़ू’ पर तौलने पर ऐसा लगता है कि व्रज/ब्रज का इस्तेमाल वृज/बृज से ज़्यादा होता है, इसलिए निर्णय व्रज/ब्रज के पक्ष में है। हमारे पोल में भी बहुमत यानी 55% ने व्रज/ब्रज के और 45% ने वृज/बृज के पक्ष में वोट डाला है।

जाते-जाते एक रोचक बात बता दूँ। आपने आव्रजन और प्रव्रजन शब्द सुने होंगे जो IMMIGRATION और MIGRATION के हिंदी पर्याय हैं। ये आव्रजन और प्रव्रजन संस्कृत के व्रजनम् से ही बने हैं क्योंकि जिसका अर्थ है जाना, चलना, यात्रा करना। हिंदी में यह व्रजनम् व्रज हो गया।

पसंद आया हो तो हमें फ़ॉलो और शेयर करें

अपनी टिप्पणी लिखें

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial