किसी को विपत्ति के समय धैर्य या तसल्ली देना क्या कहलाता है – 1. ढाँढ़स देना 2. ढाँढस देना, 3. ढाढ़स देना या 4. ढाढस देना? इस पहली में दो प्रश्न हैं – पहला कि शुरू में ‘ढाँ’ होगा या ‘ढा’। दूसरा, बीच में ‘ढ़’ होगा या ‘ढ’। जब मैंने फ़ेसबुक पर यह पोल किया तो पहले तीन विकल्पों पर तक़रीबन बराबर वोट पड़े। सबसे अधिक 31% ‘ढाँढ़स’ पर जबकि ‘ढाँढस’ और ‘ढाढ़स’ के पक्ष में 29-29%। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
ढाँढ़स, ढाँढस देना, ढाढ़स और ढाढस के बीच सही क्या है, इसके जवाब में मेरे पास शब्दकोशों के अलावा कोई आधार नहीं है।
हिंदी शब्दसागर के अनुसार सही शब्द ‘ढाढ़स’ (तीसरा विकल्प) है – शुरू में ढा, बीच में ढ़ – जो संस्कृत के दृढ (संस्कृत में दृढ ही है, दृढ़ नहीं क्योंकि संस्कृत में ‘ढ़’ और ‘ड़’ नहीं हैं) से बना है जो प्राकृत में डिढ हो गया (देखें चित्र)। ज्ञानमंडल और राजपाल के कोश भी ‘ढाढ़स’ को ही सही बताते हैं।
इसके अलावा इन कोशों में ‘ढारस’ की भी एंट्री है (देखें चित्र)। संभवतः ‘ढाढ़स’ के मुक़ाबले ‘ढारस’ बोलना आसान है या फिर कई इलाक़ों के लोग ‘ढ़’ नहीं बोल पाते होंगे, इस कारण उन इलाक़ों में ‘ढारस’ भी लिखा और बोला जाने लगा।
वैसे कोशों में जो भी लिखा हो, आज की तारीख़ में इन चारों में सबसे ज़्यादा लोकप्रिय ‘ढाँढ़स’ (पहला विकल्प) ही है जो हमारे पोल के नतीजे से भी ज़ाहिर होता है। मैं भी इस पोल से पहले ‘ढाँढ़स’ को ही सही समझता था। ‘ढाढ़स’ अगर सही है तो उससे ‘ढाँढ़स’ क्यों और कैसे बना होगा, इसके बारे में यही कहा जा सकता है कि हिंदी में आकार से शुरू होने वाले शब्दों में अनुनासिकता की प्रवृत्ति रही है जैसे पक्ष से पाँख, अक्षि से आँख, कक्ष से काँख। सो हो सकता है, इसी कारण ‘ढाढ़स’ ‘ढाँढ़स’ हो गया हो।
वैसे एक राज़ की बात बताता हूँ। मैंने जो चार विकल्प दिए थे, उनमें से दूसरा और चौथा विकल्प – ढाँढस और ढाढस – आसानी से ख़ारिज किए जा सकते थे क्योंकि हिंदी में ‘ढ’ आम तौर पर शुरू में ही आता है, बीच या अंत में नहीं। बीच या अंत में ‘ढ’ तभी आ सकता है जब उससे पहले कोई नासिक्य ध्वनि (ङ्, ञ्, न्, ण् या म्) या कोई अर्धाक्षर हो जैसे ड्। चूँकि ‘ढाँढस’ और ‘ढाढस’ के शुरू में या तो अनुनासिक ध्वनि है (ढाँ) या केवल ‘आ’ है (ढा), इसलिए ‘ढाँढस’ या ‘ढाढस’ शब्द हो ही नहीं सकता। यह तभी हो सकता है जब आप इसे ढाण्ढस जैसा पढ़ें लेकिन तब आपको इसे ‘ढांढस’ लिखना होगा, न कि ‘ढाँढस’।
हिंदी शब्दों में कहाँ ‘ड’ या ‘ढ’ होगा और कहाँ ‘ड़’ या ‘ढ़’, इनके नियमों के बारे में विस्तार से जानना हो तो मेरी पिछली क्लास पढ़ सकते हैं जिसमें इसी विषय पर चर्चा की गई है। लिंक है –
One reply on “154. किसी को तसल्ली देना क्या कहलाता है?”
सर, हिन्दी के शब्दों में अन्तिम ‘य’ का उच्चारण क्या होगा ?
ऐसे बहुत से शब्द हैं , जैसे : राय , चाय
इन शब्दों के अन्तिम में तो ‘य’ है पर इसको रोमन में
Rai , chai भी लिखते है , मगर जब हम बोलते हैं , तब ‘ए’ जैसा सुनाई देता है ।