कुछ दिनों पहले मैंने एक ट्वीट देखा जिसमें हिंदी के एक सीनियर पत्रकार ने इस बात पर चिंता जताई थी कि नई पीढ़ी संभावना और आशंका के अंतर को नहीं समझती और करोना की तीसरी लहर या बादल फटने से बाढ़ आने के मामले में भी संभावना लिख रही है। इस ट्वीट को 30 लोगों ने रीट्वीट किया था और क़रीब 300 लोगों ने लाइक किया था। क्या उस पत्रकार की चिंता जायज़ थी? क्या वाक़ई बाढ़ आने की संभावना लिखना ग़लत है? जानने के लिए आगे पढ़ें।
यह ट्वीट देखने के बाद मैंने फ़ेसबुक पर एक पोल भी किया यह जानने के लिए कि हिंदी समाज में इस शब्द के बारे में क्या विचार हैं। वोटिंग से पता चला कि 58% मानते थे कि संभावना अच्छी-बुरी किसी भी घटना के अनुमान के लिए इस्तेमाल हो सकता है जबकि 42% का मत था कि यह केवल सकारात्मक घटनाओं के अनुमानों के लिए इस्तेमाल हो सकता है।
आगे बढ़ने से पहले हिंदी के मशहूर कवि और शायर दुष्यंत कुमार का एक शेर याद कर लिया जाए।
बाढ़ की 'संभावनाएँ' सामने हैं, और नदियों के किनारे घर बने हैं।
बाढ़ तबाही मचाने वाली एक प्राकृतिक विपदा है और कवि दुष्यंत कुमार ने इस शेर में उसके आने की ‘संभावना’ जताई है। तो क्या दुष्यंत कुमार ने यहाँ ‘संभावनाएँ’ लिखकर ग़लत किया है? क्या उनको आशंका लिखना चाहिए था? चलिए, शब्दकोश से पूछते हैं।
मैंने संस्कृत और हिंदी दोनों के प्रामाणिक शब्दकोश टटोले और कहीं भी यह नहीं पाया कि संभावना केवल सकारात्मक घटनाओं के संदर्भ में इस्तेमाल किया जा सकता है। संभावना संभव से बना है जिसके जन्म, सहवास, अस्तित्व, मुमकिन आदि कई अर्थ हैं मगर हिंदी में जो अर्थ चलता है, वह है मुमकिन। संभावना का अर्थ भी इसी मुमकिन से जुड़ा है (देखें नीचे के दोनों चित्र)।
मैंने भाषा और व्याकरण के अच्छे जानकार योगेंद्रनाथ मिश्र से भी चर्चा की और उन्होंने संभावना की जो व्याख्या की है, वह यह है –
‘यह शब्द भविष्य में घटित हो सकने वाली किसी घटना के बारे में वक्ता/लेखक की धारणा को व्यक्त करता है। संभावना अच्छी-बुरी किसी भी चीज़ की जा सकती है।’
अब प्रश्न यह कि यह भ्रम कैसे फैला कि संभावना का प्रयोग केवल सकारात्मक अनुमानों के लिए हो सकता है। मेरे विचार से इसका कारण संभावना का एक और प्रयोग है जो पत्रकारिता में पहले होता था। हो सकता है, आज भी होता हो। मसलन किसी उदीयमान खिलाड़ी या कलाकार के लिए यह कहना कि इनमें भविष्य के लिए एक बड़ी संभावना नज़र आती है। यहाँ संभावना बिल्कुल पॉज़िटिव है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर जगह संभावना का यही अर्थ लिया जाएगा।
जाते-जाते मैं स्पष्ट कर दूँ कि मैं यह नहीं कहता कि बाढ़ या इसी तरह की हानिकारक घटनाओं के लिए ‘आशंका’ नहीं लिखा जाना चाहिए। बाढ़ आदि के लिए आशंका लिखना बिल्कुल सही है लेकिन अगर कोई वहाँ संभावना लिख दे तो कोई हर्ज़ नहीं है। आशंका और संभावना में अंतर यही है कि आशंका जहाँ नकारात्मक घटनाओं का अनुमान है, वहीं संभावना अच्छे-बुरे के भाव से न्यूट्रल है। आप बाढ़ आने की आशंका भी लिख सकते हैं और संभावना भी।
संभावना की तरह एक और शब्द है जिसके बारे में मीडिया में भ्रम फैला हुआ है। वह शब्द है ‘आरोपी’। इसका सही अर्थ क्या है – आरोप लगाने वाला या आरोप सहने वाला? इसपर हम पहले चर्चा कर चुके हैं। अगर आपकी रुचि हो तो आगे दिए गए लिंक पर जाकर जान सकते हैं कि आप आरोपी का जो अर्थ समझते हैं, वह सही है या ग़लत।