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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

137. सही नाम क्या है – दीपंकर या दीपांकर?

अंग्रेज़ी के शब्दों या नामों का हम हिंदीभाषी ग़लत उच्चारण करें तो समझ में आता है क्योंकि अंग्रेज़ी के स्वरों – A, E, I, O और U के कई-कई उच्चारण होते हैं। लेकिन यदि हिंदी या संस्कृत के नामों का हिंदीभाषी ग़लत उच्चारण करें, ग़लत स्पेलिंग लिखें तो यह हैरत वाली बात है। मगर ऐसा है। जब मैंने दीपांकर और दीपंकर पर पोल किया तो बहुमत ने ग़लत स्पेलिंग के पक्ष में राय दी। क्या है सही शब्द और उसका अर्थ क्या है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

दीपांकर और दीपंकर पर किए गए फ़ेसबुक पोल में कुछ कम वोट पड़े। शायद इसलिए कि पूछा गया नाम बहुत प्रचलित नहीं था। लेकिन जिन्होंने भी वोट दिया, उनमें 58% ने दीपांकर को सही बताया। दीपंकर के पक्ष में पोट करने वाला शेष 42% थे।

सही शब्द दीपकंर है। शब्दकोश में यही है (देखें चित्र)। वैसे यदि कोई शब्दों को परखने में रुचि रखता हो तो वह शब्दकोश देखे बिना ही समझ सकता है कि क्या सही है और क्यों सही है।

हिंदी शब्दसागर में दीपंकर और उसका अर्थ

स्कूल में ही हमने सूर्य के पर्यायवाची शब्द पढ़ते समय प्रभाकर, दिनकर, दिवाकर, भास्कर आदि शब्द पढ़े होते हैं। इनमें ‘कर’ का मतलब है करने वाला। प्रभा (प्रकाश) करने वाला, दिन (को) करने वाला, दिवा (दिन) को करने वाला, भास् (रोशनी) करने वाला। बाक़ी पर्यायवाची शब्दों को याद रखने में मुझे भले ही समस्या आई हो मगर सूर्य के ये चार नाम याद रखने में कभी परेशानी नहीं हुई।

दीपंकर भी इसी तरह बना है। दीपम् (दीप)+कर (करने वाला)। अर्थ है – दीप को करने वाला यानी प्रकाश देने वाला। बुद्ध के एक अवतार का नाम दीपंकर है। बंगाल में यह नाम ज़्यादा चलता है, और उसे দীপঙ্কর (दीपंकर) ही लिखा जाता है (देखें चित्र)।

शेष भारत इस नाम और इसके अर्थ से अपरिचित-सा है। शेष भारत के लोगों तक यह नाम बंगालियों के दीपंकर नाम की अंग्रेज़ी स्पेलिंग – Dipankar या Deepankar – के माध्यम से पहुँचता है जिसमें Dip/Deep के बाद मौजूद a को वे ‘आ’ पढ़ लेते हैं और दीपंकर की जगह हो जाता है दीपांकर।

रोचक बात यह है कि एक और शब्द तीर्थंकर भी उसी तरह बना है जिस तरह दीपंकर बना है – तीर्थम्+कर=तीर्थंकर लेकिन उसे कोई तीर्थांकर नहीं बोलता क्योंकि जैन मंदिर देश के हर हिस्से में बने हुए हैं और सारे नहीं तो 24वें तीर्थंकर – महावीर – को तो अधिकतर लोग जानते ही हैं।

जैसा कि ऊपर कहा, दीपंकर के दीपांकर बनने के पीछे कारण यह है कि उत्तर भारत के लोगों ने Dipankar/Deepankar में p के बाद आने वाले a का उच्चारण ‘आ’ समझ लिया। इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं क्योंकि अंग्रेज़ी में हर स्वर के कई-कई उच्चारण होते हैं। A से ‘अ’ भी होता है (Medal=मेडल), ‘आ’ भी (Father=फ़ादर), ‘ए’ (Able=एबल) और ‘ऐ’ भी (Actor=ऐक्टर)। W से पहले या बाद में तथा L से पहले a हो तो उसका उच्चारण ‘ऑ’ भी होता है (Water=वॉटर और Tall=टॉल)। और हाँ, अगर वह अंतिम सिल्अबल का हिस्सा हो तो कभी-कभी ‘इ’ भी (Manage=मैनिज)।

इसलिए Dipankar/Deepankar को दीपांकर बोलना एक ऐसी ग़लती है जो शब्द की व्युत्पत्ति और अर्थ न जानने से किसी से भी हो सकती है। मगर आज मैं एक और ग़लती की तरफ़ आपका ध्यान खींचूँगा जो हम इस कारण से करते हैं कि हमें अंग्रेज़ी शब्दों के अंत में आने वाले a का उच्चारण नहीं मालूम।

मसलन राम को अंग्रेज़ी में Rama और योग को Yoga लिखा जाता है। हम इन्हें रामा और योगा पढ़ते हैं और अंग्रेज़ों को बुरा-भला कहते हैं कि उन्होंने इन दोनों की स्पेलिंग बिगाड़ कर उन्हें रामा और योगा कर दिया। मगर सच्चाई यह है कि राम को Ram.a और योग को Yog.a लिखकर अंग्रेजों ने कोई ग़लती नहीं की है। ग़लती अगर कोई कर रहा है तो हम हिंदीभाषी ख़ुद कर रहे हैं। कैसे, यह नीचे समझते हैं।

राम और योग। इन दोनों शब्दों के अंत में ‘अ’ स्वर है और संस्कृत में इनका उच्चारण होगा राम्अ और योग्अ। हम हिंदीभाषी लिखते तो राम और योग हैं मगर बोलते समय अंतिम ‘अ’ स्वर को खा जाते हैं और उन्हें राम् और योग् की तरह बोलते हैं। जब अंग्रेज़ों ने इनकी स्पेलिंग तय की तो संस्कृत ग्रंथों और इनके संस्कृत उच्चारण को आधार बनाते हुए उनका लिप्यंतर उसी तरह किया जिस तरह संस्कृत में इनका लेखन और उच्चारण होता था – Ram.a (राम्.अ) और Yog.a (योग्.अ)। ध्यान दें कि इन दोनों ही शब्दों के अंत में आने वाले a का उच्चारण ‘आ’ नहीं, ‘अ’ है क्योंकि अंग्रेज़ी शब्दों के अंत में आने वाला a हमेशा ‘अ’ होता है चाहे वह Umbrella (अंब्रेल्.अ) हो या Sofa (सोफ़्.अ) (देखें चित्र)।

यानी अंग्रेज़ तो Ram.a और Yog.a का संस्कृत के अनुसार सही उच्चारण कर रहे हैं – राम्.अ और योग्.अ। यह तो हम हिंदीभाषी हैं जिन्होंने राम्.अ को राम् बना दिया और योग्.अ को योग्। तो ग़लती कौन कर रहा है – अंग्रेज़ या हम?

ज़िंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि हम कहीं से कोई ‘धारणा’ पाते हैं और अपने आधे-अधूरे ज्ञान के चलते उसे सही मान लेते हैं। जैसे किसी ने बट (But) और पुट (Put) का उदाहरण देकर कहा कि अंग्रेज़ी तो उच्चारण के मामले में बेसिरपैर की भाषा है – तो हमने उसे ‘सत्य’ मान लिया जबकि मैंने अपनी स्टडी में पाया है कि अंग्रेज़ी में उच्चारण के सात ठोस नियम हैं जिनको समझने के बाद हम उसके 70-80% शब्दों का सही-सही उच्चारण कर सकते हैं।

यह Rama और Yoga वाली बात भी मुझे मेरे पिताजी ने किशोरावस्था में बताई थी और तभी से मैंने तय कर लिया कि बिना छानबीन के किसी की बात का भरोसा नहीं करूँगा चाहे वह कोई भी कहे। यही कारण है कि जब कोई लिखता है कि भारतीय राष्ट्रगान को यूनेस्को द्वारा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान चुना गया है या इस साल का फ़रवरी महीना बहुत ख़ास है क्योंकि इसमें सातों वार चार-चार बार आए हैं तो मैं हँस देता हूँ और उसे डिलीट कर देता हूँ। प्रेषक कोई परिचित रहा तो उसे बता भी देता हूँ कि यह फ़ेक मेसिज है। 

लेकिन कितने लोग हैं ऐसे जो सोशल मीडिया पर आए संदेशों को ठीक से पढ़ते और जाँच-पड़ताल करते हैं! अगर करते होते तो दुर्गानवमी के दिन कुछ लोग रामनवमी की शुभकामनाएँ न दे रहे होते (देखें चित्र)।

ऊपर मैंने अंग्रेज़ी उच्चारण के सात नियमों की बात की। अगर आप ये नियम जानना चाहते हैं तो इस वेबसाइट के इंग्लिश क्लास सेक्शन में जाएँ।

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One reply on “137. सही नाम क्या है – दीपंकर या दीपांकर?”

सर, मुझे हिन्दी में ‘में’ और ‘पर’ समस्या है। क्या आप इसका समाधान करेंगे।

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