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233. सीमा की रक्षा सेना की ज़िम्मेदारी है या ज़िम्मेवारी?

ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी – ये भिन्न-भिन्न अर्थों वाले दो शब्द हैं या एक ही अर्थ वाले दो भिन्न शब्द? आज हम इसी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी का क्या एक ही अर्थ है या अलग-अलग। यदि दोनों का एक ही अर्थ है तो पहले कौनसा शब्द कौन है। साथ में यह भी जानेंगे कि जिस मूल शब्द से ये बने हैं, वह क्या है और किस भाषा का है।

चंद रोज़ पहले एक सज्जन से बात हो रही थी तो उन्होंने कहा कि ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी – इन दोनों शब्दों का अलग-अलग अर्थ है। उनके अनुसार ज़िम्मेवारी का अर्थ है जवाबदेही यानी Accountablity और ज़िम्मेदारी का अर्थ है उत्तरदायित्व यानी Responsibility

मैं उनकी बातों से सहमत तो नहीं था लेकिन मैंने उनसे तर्क-वितर्क नहीं किया क्योंकि उस वक़्त मेरे पास कोई सबूत नहीं था जिसके आधार पर मैं उनकी बात काट सकता। लेकिन यह सवाल मेरे दिमाग़ में घूमता रहा और बाद में मैंने स्टडी की तो मेरी बात सही निकली कि ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी का एक ही मतलब है यानी ये समानार्थी हैं मगर मुझे एक चौंकाने वाली जानकारी यह भी मिली कि इन दोनों में से कोई भी मूल शब्द नहीं हैं। ये दोनों-के-दोनों किसी और शब्द से बने हैं। किस शब्द से बने हैं, उनके बारे में जानकारी बाद में। पहले यह जान लें कि किस आधार पर मैं कह रहा हूँ कि ये दोनों शब्द समानार्थी हैं।

नीचे के दो उदाहरण देखिए।

  • ‘मैं अभी शादी और परिवार की ज़िम्मेवारी नहीं उठा सकता।’
  • ‘मैं अभी शादी और परिवार की ज़िम्मेदारी नहीं उठा सकता।’

बात एक ही है।

  • ‘यह पुलिस की ज़िम्मेवारी है कि वह क़ानून-व्यवस्था को बनाए रखे।’
  • ‘यह पुलिस की ज़िम्मेदारी है कि वह क़ानून-व्यवस्था को बनाए रखे।’

क्या दोनों में कोई अंतर है?

जिन पाठकों को मेरी बात पर संदेह हो, वे नीचे शब्दकोश का चित्र देख लें जिसमें लिखा है ज़िम्मेवारी=ज़िम्मेदारी। यानी दोनों का अर्थ एक ही है।

लेकिन मामला अभी ख़त्म नहीं हुआ है। मामला तो शुरू हुआ है। शुरू इस अर्थ में कि यदि मूल शब्द पर जाएँ तो न ज़िम्मेवारी सही है, न ही ज़िम्मेदारी। सही शब्द है ज़िम्मादारी और ज़िम्मावारी जो बने हैं ज़िम्मावार और ज़िम्मादार से (देखें चित्र)। यानी ‘दारी’ या ‘वारी’ से पहले ज़िम्मे नहीं, ज़िम्मा है।

यह हैरत की बात नहीं होनी चाहिए क्योंकि हम स्वतंत्र रूप से ज़िम्मा ही बोलते हैं – शादी के ख़र्च का सारा ज़िम्मा रमेश ने उठाया।

असल शब्द ज़िम्मा ही है जो अरबी के ज़िम्मः (ज़िम्मह्) से बना है। फ़ारसी प्रत्यय -वार और -दार के जुड़ने से बने ज़िम्मावार और ज़िम्मादार। हिंदी के शब्दकोशों में ये दोनों ही शब्द हैं हालाँकि वरीयता ज़िम्मावार को दी गई है (देखें चित्र)।

लेकिन उर्दू शब्दकोशों में केवल ज़िम्मःदार/ज़िम्मादार है। वहाँ ज़िम्मःवार या ज़िम्मावार है ही नहीं। मैंने इसके लिए तीन शब्दकोश जाँचे – मुहम्मद मुस्तफ़ा ख़ाँ ‘मद्दाह’ का, रामचंद्र वर्मा का और रेख़्ता का ऑनलाइन शब्दकोश। बाक़ी दो में तो ज़िम्मादार के साथ-साथ ज़िम्मेदार भी है लेकिन ‘मद्दाह’ ने तो केवल ज़िम्मःदार है (देखें चित्र)।

इसका क्या अर्थ निकला? अर्थ यही कि उर्दू वाले ज़िम्मादार या ज़िम्मेदार को ही सही मानते हैं, ज़िम्मावार या ज़िम्मेवार को नहीं। स्टेनगैस के फ़ारसी शब्दकोश में भी ज़िम्मःदार और ज़िम्मःदारी ही हैं।

तो फिर यह ज़िम्मेवार और ज़िम्मेवारी कहाँ से आए?

यह तो हम जानते हैं कि फ़ारसी में ‘वार’ और ‘दार’ दोनों प्रत्यय हैं और दोनों का एक ही अर्थ है – वाला। कुछ शब्दों में ‘वार’ लगता है, कुछ में ‘दार’ और कुछ में दोनों। इनमें से ‘दार’ वाले शब्द उर्दू और हिंदी में ज़्यादा चले और इतने चले कि हिंदी मूल के ही कई शब्दों के साथ भी ‘दार’ प्रत्यय जुड़ गया।

पहले हिंदी में प्रचलित ऐसे कुछ उदाहरण देखें जिनमें अरबी-फ़ारसी शब्दों के बाद ‘दार’ जुड़ा है।

  • मालदार, हिस्सेदार, दुकानदार, हवलदार, ज़मींदार, फ़ौजदार, कर्ज़दार, ज़ोरदार, ईमानदार, ख़रीदार, नोकदार, हवादार, शानदार, सरदार आदि।

अब हिंदी के शब्दों में जुड़े ‘दार’ प्रत्यय के उदाहरण देखें।

  • पहरेदार, ठेकेदार, थानेदार, लेनदार, देनदार, धारदार, समझदार, परतदार, झोलदार आदि।

ये तो रहे ‘दार’ के उदाहरण। लेकिन ‘वार’ वाले उदाहरण बहुत ही गिनेचुने हैं। मुझे जो याद आ रहे हैं, वे हैं – उम्मीदवार, क़ुसूरवार और अपना यह ज़िम्मेवार। दो-तीन और उदाहरण हैं जैसे माहवार, तारीख़वार, सिलसिलेवार आदि लेकिन मुझे लगता है, यहाँ वार का वह अर्थ नहीं जो क़ुसूरवार (क़ुसूर करने वाला) या ज़िम्मेवार (ज़िम्मा रखने वाला) में है। माहवार, तारीख़वार या सिलसिलेवार में वार का अर्थ ‘के अनुसार’ जैसा प्रतीत होता है।

जाते-जाते माहवार में आए ‘माह’ शब्द पर कुछ शेयर करना चाहूँगा। माह का अर्थ महीना होता है, यह तो हम जानते हैं लेकिन माह का मतलब चाँद भी होता है, यह वही लोग जानते होंगे जिनका उर्दू शेरो-शायरी से कुछ वास्ता है। माह से ही बना है माहजबीं जो महजबीं भी बोला जाता है। इसका अर्थ है चाँद-सी पेशानी (यानी सूरत) वाला। दूसरे शब्दों में चंद्रमुखी। पिछली सदी की शानदार अदाकारा मीना कुमारी का असली नाम यही था।

अब प्रश्न यह कि चाँद और महीने के लिए एक ही शब्द क्यों? कारण, चंद्रमा के पृथ्वी का चक्कर काटने से ही तो 30 दिनों का महीना पूरा होता है। इसलिए जब महीने के लिए शब्द चुना गया तो चाँद के नाम पर उसका नाम रख दिया गया।

फ़ारसी में जो माह है, वही संस्कृत में मास है। संभव है, दोनों किसी साझा भाषा से निकले हों। अब जब फ़ारसी के माह का अर्थ महीना और चाँद दोनों होता है तो क्या संस्कृत के मास का अर्थ भी चाँद होता होगा? दिमाग़ में यह सवाल आते ही मैंने हिंदी और संस्कृत के शब्दकोश खोले और देखा, मास का एक अर्थ चंद्रमा भी है (देखें चित्र)। यानी यहाँ भी चंद्रमा वाले ‘मास’ से ही महीने वाला ‘मास’ बना।

यही नहीं, अंग्रेज़ी मे भी Moon से ही Month बना है! ऑक्सफ़र्ड के शब्दकोश के अनुसार ओल्ड इंग्लिश में चाँद के लिए Mona शब्द था जिससे महीने के अर्थ के लिए Monath बना। Mona से आगे जाकर Moon हुआ और Monath से Month

लेकिन यह मत समझिए कि लिअनार्दो द विंची की मशहूर पेंटिंग में जो मोना लीसा (इतालवी में Monna Lisa=मॉन्ना लीज़ा) हैं, उनका नाम भी चाँद पर ही ‘मोना’ रखा गया था। दरअसल इतालवी Monna (मॉन्ना) अंग्रेज़ी के Ma’am या Madam की तरह का एक शब्द है जो सम्मानित महिलाओं को संबोधित करते हुए या उनके नाम के आगे इस्तेमाल किया जाता है। यह Ma Donna (My Lady) का छोटा रूप है।

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