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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

211. नेता जनता को वरग़लाते हैं या बरग़लाते हैं?

पिछले दिन पाकिस्तानी टीवी सीरियल देखने के दौरान मैंने पाया कि उनमें बरग़लाना नहीं, वरग़लाना बोला जाता है। सुनकर मैं भी चौंका क्योंकि मैं तो ज़माने से बरग़लाना ही पढ़ता-लिखता-बोलता-सुनता आया हूँ। आख़िर सही शब्द क्या है, यह जानने के लिए मैंने हिंदी, उर्दू और फ़ारसी के शब्दकोश खँगाले और उनसे जो पता चला, वह बहुत ही रोचक है। जानने में रुचि हो तो आगे पढ़ें।

वरग़लाना या बरग़लाना में कौनसा सही है, यह जानने के लिए सबसे पहले मैंने हिंदी शब्दसागर देखा क्योंकि मेरे लिए यह जानना सबसे महत्वपूर्ण था कि हिंदी में क्या चलता है। मुझे लगा, वहाँ तो बरग़लाना ही मिलेगा। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि हिंदी शब्दसागर में वर्गलाना (वरग़लाना का एक और लिखित रूप) है, बर्गलाना (बरग़लाना) नहीं। शब्दसागर की एंट्री से ही पता चला कि यह शब्द फ़ारसी के वरग़लानीदन से आया है (देखें चित्र)।

तो क्या हिंदी में पहले वर्ग़लाना/वरग़लाना ही चलता था और बाद में बर्ग़लाना/ बरग़लाना चलने लगा?

इस निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले मैंने सोचा, क्यों न कुछ उर्दू के कुछ कोश भी टटोल लिए जाएँ। मैंने मद्दाह का उर्दू-हिंदी कोश देखा। वहाँ न वर्ग़लाना (वरग़लाना) था, न बर्ग़लाना (बरग़लाना) हालाँकि वर्ग़लानिंदः और वर्ग़लानीदः जैसे शब्द वहाँ थे जिनका अर्थ है क्रमशः फुसलाने वाला और वह जो फुसलाया गया हो (देखें चित्र)।

इन दोनों शब्दों से भी मुझे संकेत मिला कि ‘व’ वाला रूप ही उर्दू में भी चलता है और शायद वही सही है।

लेकिन पिक्चर अभी बाक़ी थी। मैंने सोचा, क्यों न प्लैट्स का उर्दू-हिंदी शब्दकोश भी देख लिया जाए। यह कोश मुझे इसलिए पसंद है कि यह हिंदी, उर्दू के शब्दों के अर्थ बताते हुए संस्कृत, फ़ारसी आदि भाषाओं से उनके संबंधों का भी हवाला देता है। और देखिए, प्लैट्स ने इस मामले में कैसे मेरी आँखें खोल दीं क्योंकि वहाँ स्रोत के रूप में वरग़लानीदन के साथ-साथ बर्ग़लानीदन भी था (देखें चित्र)।

तो क्या इसका मतलब हुआ कि फ़ारसी में दोनों चलते हैं?

इसकी पुष्टि तो फ़ारसी के किसी कोश से ही हो सकती थी। मैंने स्टाइनगस के फ़ारसी-अंग्रेज़ी कोश में दोनों शब्द डाले और लीजिए, वहाँ दोनों मिल गए।

मतलब फ़ारसी में वर्ग़लानीदन भी है और बर्ग़लानीदन भी। इसी से हिंदी-उर्दू में वरग़लाना/बरग़लाना शब्दरूप बने। अविभाजित भारत में शायद दोनों रूप चलते होंगे। फिर कुछ ऐसा हुआ कि पाकिस्तान में वरग़लाना चल निकला और भारत में बरग़लाना।

यानी जिन 11% ने कहा था कि दोनों सही हैं, वे बिल्कुल सही निकले। हाँ, जिन 80% ने केवल बरग़लाना को सही बताया था, वे भी अपने हिसाब से सही थे क्योंकि भारत में तो यही बोला जाता है। अब बचे 9% जिन्होंने केवल वरग़लाना को सही बताया, वे भी इससे संतोष कर सकते हैं कि भले ही वरग़लाना शब्द भारत में न चलता हो मगर हिंदी के शब्दकोशों में तो वह है ही।

वरग़लाना/बरग़लाना की तरह एक और शब्द है जिसपर वबाल, सॉरी बवाल होता है। जी हाँ, यही वह शब्द है – बवाल – जो कि कहीं-कहीं वबाल भी बोला जाता है। सही क्या है, इसपर हम चर्चा कर चुके हैं। रुचि हो तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ें।

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