‘बाग़वान’ और ‘बाग़बान’ के बीच सही शब्द क्या है, यह बताना उन लोगों के लिए आसान होगा जिन्होंने इसी नाम से अमिताभ बच्चन की मूवी देखी है और टाइटल पर ग़ौर किया है। हमारे पोल में 64% – ने ‘बाग़बान’ के पक्ष में मत दिया जबकि 36% – ने ‘बाग़वान’ के पक्ष में राय दी। सही क्या है और क्यों है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
मूल शब्द बाग़बान है और जिन लोगों ने अमिताभ बच्चन की इसी शीर्षक से बनी मूवी – बाग़बान – देखी होगी और उसके टाइटल पर ग़ौर किया होगा (देखें चित्र), उनके लिए यह पोल बहुत ही आसान रहा होगा। मेरा विश्वास है कि अगर यह पोल ‘बाग़बान’ मूवी के आने से पहले किया गया होता तो नतीजा बिल्कुल उलटा होता यानी अधिकतर लोगों ने बाग़वान के पक्ष में वोट दिया होता।
बाग़बान फ़ारसी का शब्द है जिसमें ‘बान’ प्रत्यय लगा है। ‘बान’ प्रत्यय का अर्थ होता है रखवाली या देखभाल करने वाला। जब यह प्रत्यय बाग़ में लगा तो उसका अर्थ हुआ बाग़ की देखभाल और रखवाली करने वाला यानी माली। ‘बान’ प्रत्यय दरबान (दर=दरवाज़ा) में भी लगा है और पासबान में भी। लेकिन मुझे लगता है, अधिकतर हिंदीभाषी दरबान की जगह दरवान ही बोलते हैं और ‘सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्ताँ हमारा’ में जो लाइन है – वह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारा – उसमें भी पासबाँ (पास=निगरानी) की जगह पासवाँ ही बोला जाता है। आप अब तक क्या बोलते थे? दरबान या दरवान? पासबाँ या पासवाँ?
पासबान से ही मिलते-जुलते अर्थ में निगहबान है जिसे हम सही बोलते हैं। मेज़बान (मेज़=अतिथि) का उच्चारण भी सही करते हैं। बचा मेहरबान (मेहर=दया) तो मेहरबान का अर्थ हुआ दया (मेहर)+करनेवाला (बान)। इसलिए यहाँ बान का वह अर्थ देखरेख करने वाला नहीं, केवल करने वाला है। बान का अर्थ कहीं-कहीं केवल ‘वाला’ भी होता है जैसे शुतुरबान यानी ऊँटवाला या ऊँट का मालिक।
अब प्रश्न यह कि बाग़बान, दरबान, पासबान आदि शब्दों में मौजूद ‘बान’ हिंदी में ‘वान’ क्यों हो गया। मेरी समझ से इसलिए कि हिंदी में बान वाले शब्द कम, वान वाले अधिक है, जैसे भाग्यवान, कोचवान, गाड़ीवान, रूपवान, सामर्थ्यवान, दयावान आदि जिनमें वान का अर्थ ‘वाला’ है – भाग्य वाला, कोच वाला, गाड़ी वाला, रूप वाला, सामर्थ्य वाला, दया (करने) वाला आदि। वैसे तो भगवान में भी वान लगा है, लेकिन वह मूलतः वान् है और भगवान् में वान् का अर्थ क्या है, यह मुझे नहीं मालूम। संस्कृत के जानकार इसके बारे में बता सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि फ़ारसी में वान से अंत होने वाले शब्द नहीं हैं। एक तो पहलवान ही है जो फ़ारसी से आया है और हिंदी-उर्दू में इसका अर्थ मल्ल यानी कुश्ती लड़ने वाला होता है। लेकिन फ़ारसी में पहलवान का मूल अर्थ कुछ और है – नायक, महाबली, शूरवीर।
आज मैंने इस पोस्ट में बाग़बान को मूल शब्द भले कहा हो लेकिन उसी को सही और बाग़वान को ग़लत नहीं ठहराया है। कारण यह कि बाग़बान फ़ारसी शब्द है और अगर वह हिंदी में आकर बाग़वान या बागवान हो जाता है तो उसे भी सही माना जाना चाहिए जैसे हम वानर (संस्कृत) और बानर (हिंदी) दोनों को सही मानते हैं। अगर आप नीचे चित्र में शब्दसागर से ली गई बाग़वान (वहाँ बागवान है) की एंट्री देखेंगे तो उसमें शब्द के बाद ब्रैकिट में ‘हिं’ लिखा हुआ है जिसका मतलब हुआ कि यह शब्द हिंदी का मान लिया गया है। इसी कारण उसके आगे उसका अर्थ भी दिया हुआ है – माली। हाँ, साथ में बाग़बान की ओर इशारा भी किया गया है ताकि पाठक समझ सके कि मूल शब्द क्या है।
निष्कर्ष यह कि आप बोलचाल में बाग़बान भी बोल सकते हैं और बाग़वान भी, दरबान भी और दरवान भी। लेकिन जब ‘सारे जहाँ से अच्छा’ गाना गाएँगे तो मेरे हिसाब से पासबाँ ही बोलना चाहिए, पासवाँ नहीं क्योंकि शायर ने जो लिखा है, उसमें छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।