किसी जगह पर कोई जाति, कोई प्रजाति या कोई समुदाय अधिक संख्या में हो तो उसे बताने के लिए एक शब्द है। क्या है वह – बहुल या बाहुल्य? यही सवाल मैंने पिछले दिनों फ़ेसबुक पर पूछा। जवाब में 60% ने कहा – बहुल, 40% ने कहा – बाहुल्य। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बहुल और बाहुल्य पर फ़ेसबुक पोल करते हुए मैं हिचक रहा था। मुझे लगा कि सवाल आसान है और 90% से ज़्यादा वोट सही विकल्प पर पड़ेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बहुमत ने सही विकल्प को चुना लेकिन ग़लत विकल्प चुनने वाले काफ़ी थे – क़रीब 40%।
सही जवाब है बहुल। अगर भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में इसका इस्तेमाल करें तो वाक्य बनेगा – भारत हिंदू-बहुल और पाकिस्तान मुस्लिम-बहुल देश है। हिंदू-बाहुल्य और मुस्लिम-बाहुल्य लिखना ग़लत है।
कारण, बहुल एक विशेषण है जिसका अर्थ है अधिक और बाहुल्य भाववाचक संज्ञा है जिसका अर्थ है अधिकता (देखें चित्र)।
बाहुल्य को हम बहुलता भी लिख सकते हैं। हिंदी में कई भाववाचक संज्ञाओं के दोनों रूप चलते हैं और हम उन्हें दोनों तरह से लिख सकते हैं – संस्कृत के तरीक़े से भी और हिंदी के तरीक़े से भी। मसलन अधिक से आधिक्य (संस्कृत) भी होता है और अधिकता (हिंदी) भी। सुंदर से सौंदर्य (संस्कृत) भी होता है और सुंदरता (हिंदी) भी।
हिंदू- या मुस्लिम-बहुल का अर्थ है जहाँ हिंदू या मुसलमानों का बाहुल्य यानी अधिकता हों। इसी तरह व्याधि-बहुल का अर्थ है जहाँ रोगों का बाहुल्य या अधिकता हो। इसी तरह दुखबहुल (देखें चित्र)।
वाक्य में बहुल और बाहुल्य का प्रयोग अलग-अलग तरीक़े से होता है। बहुल का प्रयोग समास के रूप में होता है (पिछले शब्द से जोड़कर या हाइफ़न लगाकर) जबकि बाहुल्य का अलग से इस्तेमाल होता है। मसलन ‘भारत एक हिंदू-बहुल देश है’ को हम यूँ भी लिख सकते हैं – ‘भारत हिंदुओं के बाहुल्य (की बहुलता) वाला देश है’ या ‘भारत एक ऐसा देश है जहाँ हिंदुओं का बाहुल्य (की बहुलता) है।’
जैसा कि ऊपर लिखा, बहुल को हमेशा उसके पहले वाले शब्द से मिलाकर लिखना चाहिए लेकिन कई बार ऐसा करने पर शब्द बहुत लंबा हो जाता है और पढ़ने की दृष्टि से परेशानी पैदा करता है। इसलिए मैं उनके बीच हाइफ़न लगाना पसंद करता हूँ।