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EC65. अंत में हो -iCe तो कब इ, कब आइ?

क्लास 6 में हमने एक आसान फ़ॉर्म्युला पढ़ा था। वह यह कि Kit का उच्चारण किट होता है और इसके आख़िर में e लगाकर Kite बना दें तो उच्चारण काइट हो जाएगा। यानी किसी भी शब्द में जहाँ हम CiC (Consonant-I-Consonant) का पैटर्न देखें तो वहाँ i का उच्चारण ‘इ’ होगा और यदि CiC के बाद e  हो यानी CiCe (Consonant-I-Consonant-E) तो i का उच्चारण ‘आइ’ हो जाएगा। लेकिन यह नियम हर जगह नहीं चलता। कई बार जब CiCe शब्द के अंत में होता है तो उसका उच्चारण आइ के बजाय इ या ई होता है। कब होता है यह, जानने के लिए आगे पढ़ें।

CiC और CiCe का नियम जो हमने EC6 में पढ़ा था और जिसकी ऊपर भी चर्चा की, यह बेसिक नियम था जो आम तौर पर स्ट्रेस वाले सिल्अबल का उच्चारण तय करने के काम में आता है। मगर एक शब्द में स्ट्रेस वाले सिल्‌अबल एक या दो ही होते हैं, बाक़ी बिना स्ट्रेस वाले सिल्अबल होते हैं जहाँ हलका उच्चारण होता है। अब अगर बिना स्ट्रेस वाले हिस्से में CiCe वाला कोई पैटर्न हुआ तो वहाँ तो ‘आइ’ का उच्चारण होगा नहीं। वहाँ उसका उच्चारण इ भी हो सकता है।

इस क्लास में हम इसी पर बात करेंगे। चलिए, पहले क्लास 6 वाला नियम दोहरा लेते हैं।

यह नियम बहुत ही आसान है। यदि i के बाद कोई कॉन्सनंट है जैसे d, n, t आदि और उसके बाद कुछ नहीं है (यानी शब्द का पैटर्न है CiC) तो i का उच्चारण होगा ‘इ’। जैसे Kit (किट), Sit (सिट), Win (विन), Din (डिन), Bid (बिड), Hid (हिड), Writ (रिट), Strip (स्ट्रिप), Quit (क्विट) आदि। ध्यान दीजिए कि i के दाएँ-बाएँ कॉन्सनंट की संख्या एक से ज़्यादा भी हो सकती है जैसा कि Writ, Strip और Quit में है।

अब इन सबके आखिर में e लगा दें और देखें कि कैसे i का उच्चारण ‘आइ’ हो जाता है। Kite (काइट), Site (साइट), Wine (वाइन), Dine (डाइन), Bide (बाइड), Hide (हाइड), Write (राइट), Stripe (स्ट्राइप), Quite (क्वाइट) इत्यादि।

लेकिन जैसा कि ऊपर कहा, CiCe वाले पैटर्न में ‘आइ’ के उच्चारण का नियम केवल स्ट्रेस वाले सिल्अबल में पूरी तरह लागू होता है, बिना स्ट्रेस वाले सिल्अबल में ऐसा हो, यह ज़रूरी नहीं।

नाउन-ऐज़िक्टिव़ में -iCe

ऐसे कई शब्द हैं जिनमें -iCe का पैटर्न है लेकिन वहाँ ‘आइ’ नहीं, ‘इ’ या ‘ई’ का उच्चारण है। कुछ उदाहरण देखें :

शब्दउच्चारणअर्थ
Mal.iceमैलिसदुर्भावना
Of.ficeऑफिसदफ़्तर
Mas.cu.lineमैस्क्युलिनमर्दाना
Fam.ineफ़ैमिनअकाल
Def.i.niteडेफ़िनिटनिश्चित
Hyp.o.criteहिप्अक्रिटपाखंडी
Ol.iveऑलिवजैतून
Suite*स्वीटहोटेल में कमरों का सेट
U.nique*यूनीकअनूठा

(कुछ शब्दों के दोनों उच्चारण चलते हैं। जैसे Pleb.i.scite (जनमतसंग्रह) प्लेबिसिट/प्लेबिसाइट, Res.pite (राहत) रेस्पिट/रेस्पाइट)। इसी तरह कुछ अपवाद भी हैं। जैसे Di.vine ऐजिक्टिव़ है, मगर नियम के विपरीत दूसरे सिल्अबल पर स्ट्रेस पड़ रहा है और उच्चारण हो रहा है डिवाइन।

ऊपर के ये सारे शब्द फिर से देखिए। क्या आपको कोई क्लू दिख रहा है? मुझे दिख रहा है। वह यह कि ये सबके सब नाउन या ऐजिक्टिव़ हैं। यानी वही स्ट्रेस के नियम 2 (EC50) और नियम 3 (EC51) लागू हो रहे हैं जिनके अनुसार ऐसे शब्दों में स्ट्रेस पहले सिल्अबल पर पड़ता है। इस कारण दूसरा सिल्अबल जिसमें -iCe का पैटर्न है, बिना स्ट्रेस वाला सिल्अबल हो जाता है। नतीजा – iCe का उच्चारण हलका यानी ‘इ’। * चिह्न वाले दो शब्द Suite और U.nique अपवाद हैं। उनमें iCe स्ट्रेस वाले हिस्से में है और उसका उच्चारण ‘इ’ के बजाय ‘ई’ हो रहा है।

व़र्ब में -iCe

अब हम ऐसे शब्द देखते हैं जो व़र्ब हैं और उनमें -iCe का पैटर्न है। क्या वहाँ ‘आइ’ का उच्चारण है? अगर हाँ तो क्यों?

शब्दउच्चारणअर्थ
O.pineओपाइनराय जताना
O.bligeअब्लाइजउपकृत करना
Sur.viveसऽव़ाइव़/सरव़ाइव़usबचना
De.priveडिप्राइव़वंचित करना
Sur.priseसप्राइज़/सरप्राइज़usचौंकाना

ये सारे व़र्ब हैं और सभी में ‘आइ’ का उच्चारण है और इसीलिए है कि व़र्ब होने के कारण स्ट्रेस दूसरे यानी -iCe वाले सिल्अबल पर है।

Hide, Slide, Glide, Hike आदि भी व़र्ब हैं लेकिन उनका ज़िक्र मैंने इसलिए नहीं किया कि इनमें तो एक ही सिल्अबल है सो स्ट्रेस तो उसी पर होना है। इस कारण उनमें i का उच्चारण वैसे भी ‘आइ’ ही होना है। मगर यहाँ भी एक अपवाद है – Live (जीना) जो व़र्ब है लेकिन उसका उच्चारण लिव़ है न कि लाइव़। 

इस क्लास का सबक़

1. यदि किसी शब्द के अंत में -CiC का पैटर्न हो तो उच्चारण ‘इ’ होगा। जैसे Sit (सिट), Com.mit (कमिट) आदि।

2. यदि किसी शब्द के अंत में -iCe का पैटर्न हो तो नाउन और ऐजिक्टिव में उच्चारण ‘इ’ होगा लेकिन व़र्ब में ‘आइ’ होगा। -ique से अंत होनेवाले शब्दों में हमेशा ‘ई’ का उच्चारण होता है। EC31 में हम इस पर बात कर चुके हैं।

अभ्यास

ऊपर मैंने Live का उदाहरण दिया जो व़र्ब है और अंत में -ive है, फिर भी उच्चारण है इव न कि आइव। ऐसा एक और व़र्ब खोजिए। क्लू यह कि यह Live से बहुत मिलता-जुलता है और जिन लोगों की ज़िंदगी का मक़सद ‘पाना’ नहीं, ‘देना’ है, उनको यह शब्द बहुत ही प्रिय है।

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