नाती का मतलब आम तौर पर लोग बेटी का बेटा समझते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बेटे के बेटे के लिए भी नाती का प्रयोग किया जा सकता है। शब्दकोश यही कहते हैं और तुलसीदास ने भी नाती का प्रयोग पोते के लिए क्या है। विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।
नाती का मतलब आम तौर पर लोग बेटी का बेटा समझते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बेटे के बेटे के लिए भी नाती का प्रयोग किया जा सकता है। शब्दकोश यही कहते हैं और तुलसीदास ने भी नाती का प्रयोग पोते के लिए क्या है। विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।
अपमान के लिए उर्दू का एक शब्द हिंदी में बहुत चलता है लेकिन उसका कोई एक रूप नहीं है। कोई उसे बेइज्जती कहता है तो कोई बेज्जती। कुछ लोग ज में नुक़्ता लगाकर भी बोलते हैं – बेइज़्ज़ती। आज हम यही जानेंगे कि इनमें से कौनसा रूप सही है।
अंतर्आत्मा, अंतरआत्मा और अंतरात्मा। इन तीनों में से कौनसी स्पेलिंग सही है? जब इसपर एक फ़ेसबुक पोल किया गया तो 70% ने अंतरात्मा को सही बताया जबकि शेष 30% ने अंतर्आत्मा को। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
किसी भगोड़े अभियुक्त को उसके देश को सौंपना क्या कहलाता है – प्रत्यर्पण या प्रत्यार्पण? जब इसके बारे में एक फ़ेसबुक पोल किया गया तो 49% ने प्रत्यर्पण को सही बताया जबकि 43% ने प्रत्यार्पण को। शेष लोगों ने दोनों को सही ठहराया। सही शब्द क्या है, यह जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
आम धारणा यह है कि जब किसी दुष्ट या आततायी की जान ली जाती है तो उसे वध कहते हैं और जब किसी निर्दोष को मारा जाता है तो उसे हत्या कहते हैं। इस प्रसंग में धर्मग्रंथों का हवाला दिया जाता है जिनमें महिषासुर वध या बकासुर वध आदि का प्रयोग मिलता है। लेकिन क्या यह धारणा सही है? आइए, देखते हैं कि महाभारत और रामायण में वध का किस अर्थ में प्रयोग हुआ है।