आम धारणा यह है कि जब किसी दुष्ट या आततायी की जान ली जाती है तो उसे वध कहते हैं और जब किसी निर्दोष को मारा जाता है तो उसे हत्या कहते हैं। इस प्रसंग में धर्मग्रंथों का हवाला दिया जाता है जिनमें महिषासुर वध या बकासुर वध आदि का प्रयोग मिलता है। लेकिन क्या यह धारणा सही है? आइए, देखते हैं कि महाभारत और रामायण में वध का किस अर्थ में प्रयोग हुआ है।