‘बलखाती’ और ‘बल खाती’ पर किए गए फ़ेसबुक पोल में 37% ने बलखाती को सही बताया जबकि 63% के अनुसार बल खाती सही है। यह नतीजा चौंकाने वाला था क्योंकि मैंने मीडिया में हर जगह बलखाती ही देखा है। वैसे सही है बल खाती। क्यों, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
मैंने जब बल खाती और बलखाती पर पोल किया तो मुझे लग रहा था कि ज़्यादातर लोग बलखाती के पक्ष में वोट करेंगे क्योंकि मैंने मीडिया में हर जगह बलखाती ही देखा है (देखें चित्र)।
जी हाँ, सही है बल खाती। ‘बल खाना’ एक क्रिया है जो बल और खाने के योग से बनी है लेकिन लहरें, चाल, ज़ुल्फ़ें आदि संज्ञाओं के आगे लगकर यह विशेषण की भूमिका निभाती है।
बल का एक अर्थ है शक्ति या ताक़त लेकिन यहाँ बल का अर्थ है मरोड़, घुमाव, पेच आदि। बल खाती चाल यानी सर्पीली चाल, बल खाती ज़ुल्फ़ें यानी घुमावदार ज़ुल्फ़ें। बल खाती लहरें यानी ऊपर-नीचे होती लहरें।
जिन साथियों ने बलखाती के पक्ष में राय दी है, उनके बारे में बस यही कह सकता हूँ कि वे इस शब्द का अर्थ तो सही-सही जानते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होगा कि यह बल से बना है। वे लहराना, फहराना, मुरझाना की तरह बलखाना को भी मूल क्रिया शब्द समझते होंगे।
बल के इसी अर्थ में और भी प्रयोग होते हैं जैसे (माथे पर या पेट में) बल पड़ना, (घड़ी में) बल देना, (शरीर की किसी मांसपेशी में ऐंठन होने पर) बल निकालना हालाँकि अब इन सबका प्रयोग ज़्यादा होता नहीं।