नीम हकीम ख़तरा-ए-जान में ‘नीम’ का क्या अर्थ है – – एक वनस्पति, आधा या नक़ली? जब यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा गया तो 80% के विशाल बहुमत ने नीम का अर्थ ‘आधा’ बताया। शेष ने बाक़ी विकल्पों के पक्ष में मतदान किया। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
नीम के बारे में सोचने पर पहला ख़्याल आता है एक ऐसे पेड़ का जिसकी पत्तियाँ, फल, बीज, छाल आदि सभी अंग कड़वे होते हैं और जिनका उपयोग अनेक प्रकार की औषधियाँ बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन ‘नीम हकीम ख़तरा-ए-जान’ में जो नीम आया है, वह फ़ारसी का शब्द है। इसका मतलब है आधा या थोड़ा (देखें चित्र)।
नीम हकीम यानी आधा हकीम। एक ऐसा हकीम या चिकित्सक जिसको अपनी विद्या की ‘आधी-अधूरी’ जानकारी है। लेकिन उसके इस आधे-अधूरे ज्ञान से किसी मरीज़ को अपनी जान के लाले भी पड़ सकते हैं क्योंकि वह बीमारी का सही निदान न करके कुछ-की-कुछ दवा दे सकता है।
यह कहावत केवल हकीमों के बारे में सच नहीं है। यह किसी भी ऐसे व्यक्ति के मामले में उपयुक्त हो सकती है जिसको अपने विषय में पूरा ज्ञान नहीं है चाहे मामला चावल पकाने का हो या मोबाइल ठीक करने का। जिसे नहीं मालूम कि चावल में कितना पानी डालना हो, वह उसे गीला कर देगा या जला देगा और जो नहीं जानता कि मोबाइल में कौनसा कनेक्शन कहाँ करना है, वह उसे और बर्बाद कर देगा।
इसलिए अर्धज्ञानी व्यक्ति अज्ञानी व्यक्ति से भी ज़्यादा ख़तरनाक होता है।
अब आते हैं सड़कों पर हकीमी की दुकान चलाने वालों पर जिन्हें हम नीम यानी आधा हक़ीम मान बैठते हैं। लेकिन वे नीम यानी आधे हकीम भी नहीं होते। वे हकीम ही नहीं होते और चिकित्सा शास्त्र के बारे में उनको उतनी ही जानकारी होती है जितनी हमें। बुख़ार उतारने के लिए क्या देना है और दस्त रोकने के लिए क्या, ऐसी ही कुछ बेसिक जानकारियाँ उनको होती हैं। इसलिए उनको नीम हकीम न कहकर फ़र्ज़ी हकीम ही कहना चाहिए। नीम हकीम कहकर हम उनको जो थोड़ी-बहुत इज़्ज़त बख़्शते हैं, वे उसके भी क़ाबिल नहीं।
जैसा कि ऊपर बताया, नीम शब्द फ़ारसी का है तथा आधे या कम के अर्थ में और भी कई उर्दू शब्दों में इस्तेमाल होता है। आपका इन शब्दों से कभी पाला तो नहीं पड़ेगा लेकिन ज़रा सरसरी निगाह डाल लेते हैं उन कुछ शब्दों पर जो नीम से बने हैं। हो सकता है, कभी शेरो-शायरी में ये दिख जाएँ। जैसे नीमकश शब्द ग़ालिब के इस शेर में आया है।
नीमकश यानी आधा शरीर के बाहर, आधा शरीर के अंदर (ख़ासकर तीर या तलवार)।
ऐसे और शब्द हैं –
- नीमख़्वाब (वह आँख जिसमें कच्ची नींद से जगा देने की लालिमा और मस्ती हो)
- नीमबाज़ (आधा खुला हुआ, ख़ासकर आधी खुली हुई आँखें, नशीली आँखें)
- नीमनिगाह (कनखियों से देखना)
- नीमराज़ी (जो कुछ-कुछ रज़ामंद हो)
- नीमशब (आधी रात)
इसके अलावा ये कुछ शब्द नीम के साथ इस्तेमाल होते हैं।
- नीमरोज़ (दोपहर, मध्याह्न)
- नीमआस्तीन (कुर्ता/कुर्ती जिसकी बाँह छोटी हो)
- नीमगर्म (गुनगुना)
- नीमजोश (आधी उबाली हुई चीज़)
- नीमपुख़्त (आधा पका हुआ)
- नीमसेर (जिसका पेट आधा ही भरा हो)
नीम हकीम का मामला आए तो साफ़ है, सेहत का मामला भी आएगा। आख़िर कौन नहीं चाहता कि वह सेहतमंद रहे। इस सेहतमंद के लिए कुछ लोग स्वस्थ लिखते हैं और कुछ लोग स्वस्थ्य। सही क्या है, पढ़ें इस पोस्ट में।