केरल का एक चर्चित मंदिर जिसका नाम शबरी या सबरी से शुरू होता है, उसके नाम के आख़िर में ‘मला’ है या ‘माला’? हिंदी मीडिया में ‘माला’ वाला रूप ही लिखा जाता है और आप भी शायद शबरीमाला या सबरीमाला ही बोलते-लिखते रहे होंगे लेकिन वह है ‘मला’। मला नाम कैसे पड़ा और उसका मतलब क्या है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
जैसा कि ऊपर बताया, सही है ‘मला’ वाला रूप। क्यों, यह हम आगे देखेंगे। पहले यह समझें कि हिंदी मीडिया में माला क्यों चल निकला है (देखें चित्र) जिसमें आपको भास्कर, अमर उजाला और हिंदुस्तान तक सभी सबरीमाला लिखते हुए नज़र आएँगे। इसका एक ही कारण मुझे नज़र आता है कि हिंदी के अख़बार और वेबसाइटें दक्षिण के राज्यों में अपने संवाददाता नहीं रखते। वहाँ की ख़बरों के लिए वे अंग्रेज़ी समाचारों का अनुवाद कराकर ही काम चला लेते हैं। इसलिए डेस्क के लोगों ने जब SABARIMALA की स्पेलिंग देखी तो MALA का माला कर दिया। कुछ साइटें जैसे सत्यहिंदी.कॉम को छोड़कर प्रायः सभी सबरीमाला चला रहे हैं। बड़े हिंदी टीवी चैनलों के दक्षिण में भी संवाददाता होते हैं। हो सकता है, उनके ऐंकर और संवाददाता ‘मला’ बोलते हों। इसके बारे में आप ही कुछ बता सकते हैं। मैं तो पिछले कुछ सालों से कोई भी टीवी न्यूज़ चैनल नहीं देख रहा, इसलिए मेरी जानकारी नहीं है कि वहाँ क्या बोला जाता है।
सही शब्द है सबरीमला या शायद शबरिमला। इसका प्रमाण आप नीचे रोड साइन की तस्वीर में देख सकते हैं। मैं जब कुछेक साल पहले केरल गया था तो मैंने भी रोड साइनों पर शबरिमला ही लिखा देखा था।
हिंदी में आने पर इस नाम में दो परिवर्तन हुए।
- शुरू के श का स हो गया क्योंकि अंग्रेज़ी में Sabri लिखा होता था।
- अंत के रि का री हो गया क्योंकि हिंदी में शब्द के आख़िर में ई बोलने और लिखने की प्रवृत्ति है, इ की नहीं।
मलयालम में इसका उच्चारण सबरि है या शबरि, यह जानने के लिए मैंने विकिपीडिया पर मलयालम वर्णमाला से संबद्ध पेज देखा। उसमें ‘स’ और ‘श’ दोनों के लिए अलग-अलग वर्ण थे और रोडसाइन वाली तस्वीर में शबरि के शुरू में जिस वर्ण का इस्तेमाल किया गया था, वह मलयालम वर्णमाला के श (ശ)जैसा ही दिख रहा है। लेकिन जब मैंने मलयालम कीबोर्ड इन्स्टॉल करने के बाद ശബരി (शबरि) और സബരി (सबरि) दोनों को टाइप करके उन्हें गूगल ट्रांसलेट के पेज पर पेस्ट करके देखा तो हिंदी का परिणाम दोनों ही मामलों में ‘सबरी’ ही आया (देखें चित्र) हालाँकि जब मैंने साथ में दिए गए वॉइस लिंक पर दोनों मलयालम शब्दों के उच्चारण सुने तो दोनों अलग-अलग थे – शबरि और सबरि।
ऐसा क्यों हुआ कि मलयालम उच्चारण में दोनों शब्द शबरि और सबरि सुने जा रहे थे लेकिन हिंदी रूपांतर में दोनों के लिए सबरी आ रहा था? इसका जवाब मलयाली और हिंदी दोनों भाषाएँ जानने वाला कोई व्यक्ति ही दे सकता है। मलयालम वर्णमाला के इस पेज से मैंने यह भी जाना कि वहाँ व्यंजन के बाद ि लिखने के लिए जो मात्रा लगाई जाती है, वह दाहिनी तरफ़ लगती है, न कि बाईं ओर जैसा कि हिंदी में है। देखें, ശബരി और സബരി – दोनों के अंत में ि है लेकिन वह ( ി) र के बाद में लगी हुई है। वहाँ ी की मात्रा ऐसी होती है – ീ।
मला शब्द का अर्थ क्या है?
अब आते हैं मला पर। मला शब्द का अर्थ है पर्वत और यह द्रविड़ मूल के शब्द मल से बना है जिसका अर्थ है मज़बूती। तमिल में इसे मलै कहते हैं (देखें चित्र), मलयालम में मला और संभवतः कन्नड़ में मले। मलयालम शब्द का स्रोत भी यही है और मलयेशिया तथा वहाँ की भाषा मलय भी इसी शब्द से बने हैं। पश्चिमी घाट पर जो पर्वत शृंखला है, उसका नाम भी मलय ही है। इसे मलयगिरि भी कहते हैं और पुराणों तथा रामायण-महाभारत में भी इसका ज़िक्र आता है।
मला शब्द की उत्पत्ति के बारे में यह जानकारी मुझे इस पेज से मिली। रुचि हो तो आप भी तो पढ़ सकते हैं।