दशहरे के दिन रावण और कुंभकर्ण के अलावा किस तीसरे व्यक्ति का पुतला जलाते हैं? विकल्प दो हैं – मेघनाद और मेघनाथ। जब मैंने फ़ेसबुक पर इसके बारे में पोल किया तो 80% ने मेघनाद के पक्ष में राय दी। 20% मेघनाथ के पक्ष में थे। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
ऐतिहासिक और मिथकीय पात्रों के नामों की ग़लत वर्तनी और ग़लत उच्चारण पत्रकारिता में बहुत आम हो गया है। इसका एक कारण यह भी है कि लोगों के जीवन में अब पढ़ना कम हो गया है और देखना व सुनना ज़्यादा हो गया है।सही जवाब है मेघनाद (देखें चित्र)।
मेघनाद का अर्थ है मेघ या बादलों की तरह नाद (आवाज़ या ध्वनि) करनेवाला। कथा यह है कि मेघनाद का जब जन्म हुआ तो उन्होंने बादलों की तरह गर्जना की, इसलिए उनका नाम मेघनाद रखा गया। बाद में जब उन्होंने दो बार देवराज इंद्र को हराया तो उनका नाम पड़ा इंद्रजित् (इंद्र को जीतने वाला) जिसे हिंदी में इंद्रजीत भी लिखा जाता है।
मेघनाद की जगह मेघनाथ का भ्रम कुछ लोगों को इसलिए होता है कि ‘नाद’ शब्द उतना लोकप्रिय नहीं है जितना ‘नाथ’ है। वैसे क्या आप जानते हैं, मेघनाथ का क्या अर्थ है? मेघनाथ का अर्थ है इंद्र जिनका काम बारिश कराना है। यानी मेघनाथ का अर्थ वही इंद्र है जिन्हें दो बार हराने का श्रेय मेघनाद को जाता है। दूसरे शब्दों में मेघनाद को मेघनाथ कहकर लोग अनजाने में उनको उनके दुश्मन का ही नाम दे देते हैं। है न रोचक!
बात दशहरे से शुरू हुई थी। दशहरे का एक और नाम भी है। क्या है वह – विजयदशमी या विजयादशमी? जानने के लिए यह क्लास पढ़ें।