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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

31. ‘पशोपेश’ को लेकर किसी ‘पसोपेश’ या ‘पेशोपस’ में हैं?

दुविधा की स्थिति के लिए उर्दू का एक शब्द है जिसे पसोपेश भी लिखा जाता है और पशोपेश भी। सही है पसोपेश क्योंकि पस का मतलब है पीछे और पेश का मतलब है आगे। पसोपेश के अलावा एक और शब्द भी है – पेशोपस। क्या वह भी सही है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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30. जैसे पीढ़ा पुल्लिंग है, वैसे संविधान पीठ भी पुल्लिंग है

हिंदी में पीठ के दो अर्थ हैं। एक हमारे धड़ के पीछे का हिस्सा और दूसरा कोई पीढ़ा, आसन, चौकी, बेंच आदि। पहले वाले अर्थ में पीठ स्त्रीलिंग है मसलन ‘मेरी’ पीठ में दर्द हो रहा है। लेकिन बेंच या पीढ़े के अर्थ वाला पीठ पुल्लिंग है। कराण जानने के लिए आगे पढ़ें।

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29. आस्तिक-नास्तिक देखकर स्वस्तिक बन गया स्वास्तिक

क्रॉस जैसा एक चिह्न जिसकी चार रेखाओं के किनारे 90 डिग्री दाएँ या बाएँ मुड़ जाते हैं, उसे क्या कहते हैं – स्वस्तिक या स्वास्तिक? जब इस विषय में फ़ेसबुक पर एक पोल किया गया तो 68% ने कहा, स्वास्तिक जबकि 32% ने स्वस्तिक के पक्ष में वोट किया। आख़िर सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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28. सौ साल की अवधि – शताब्दी या शताब्दि?

सौ साल की अवधि को हिंदी में क्या कहते हैं? जी हाँ, यह शब्द शत से शुरू होता है लेकिन अंत किससे होता है – ब्दी से या ब्दि से? यही सवाल जब मैंने एक फ़ेसबुक पोल में किया तो 85%  ने शताब्दी के पक्ष में वोट किया। क्या वे सही हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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27. क्या आपने वाल्मीकि रामायण पढ़ा है…पढ़ी है?

मैंने वाल्मीकि रामायण पढ़ा है। क्या आपको पिछले वाक्य में कोई ग़लती नज़र आ रही है? आप शायद कहें कि हाँ, ‘पढ़ा’ है नहीं, ‘पढ़ी’ है होना चाहिए था, क्योंकि रामायण स्त्रीलिंग है। मान लेते हैं। फिर रामचरितमानस क्या है? क्या वह भी स्त्रीलिंग है? जानने के लिए आगे पढ़ें।

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