ढूँढ़ना और ढूँढना में क्या सही है – एक ऐसा सवाल है जिससे मैं अपने करियर के आरंभ से जूझता रहा हूँ। शब्दकोश में था ‘ढूँढ़ना’ मगर मुझे लगता था कि ढूँढना ही सही होना चाहिए। मैं तब थोड़ा बाग़ी क़िस्म का था सो कोशकारों को अंतिम जज नहीं मानता था। अगर उन दिनों किसी ने मुझे ‘ढ़’ और ‘ड़’ का नियम समझा दिया होता तो शायद मैंने बहुत पहले से ढूँढ़ना लिखना शुरू कर दिया होता। आइए, जानते हैं कि शब्दकोश क्यों ढूँढ़ना को सही और ढूँढना को ग़लत बताते हैं।
जब मैंने ढूँढ़ना और ढूँढना के बीच फ़ेसबुक पर पोल किया तो 63% ने ढूँढना को सही बताया – वही जो मैं सालों से लिखा चला आ रहा था – और केवल 37% ने ढूँढ़ना के पक्ष में राय दी जो कि शब्दकोशों के अनुसार सही शब्द है।
जी हाँ, हिंदी शब्दसागर और अन्य शब्दकोशों के अनुसार सही शब्द है – ढूँढ़ना (देखें चित्र)। क्यों सही है, यह कोश में नहीं लिखा है लेकिन अगर आप हिंदी शब्दसागर में शब्द के स्रोत पर जाएँ तो आपको पता चल जाएगा कि उस शब्द से ढूँढ़ना ही बनेगा, ढूँढना नहीं।
हिंदी शब्दसागर के अनुसार यह शब्द बना है ढुण्ढन से (देखें ऊपर का चित्र), ठीक वैसे ही जैसे मूँड़ना बना है मुण्डन से। तो जिस तरह मुण्डन से मूँड़ना बना, मूँडना नहीं, उसी तरह ढुण्ढन से ढूँढ़ना ही बनना चाहिए, ढूँढना नहीं। वैसे भी इस तरह की जितनी क्रियाएँ हैं, उन सबमें ड़ या ढ़ ही है, ड या ढ नहीं। आप याद करें – पढ़ना, पकड़ना, चढ़ना, छोड़ना, दौड़ना, मुड़ना, कुढ़ना। मुझे तो कोई भी शब्द याद नहीं आ रहा जो क्रिया हो और उसके बीच ड या ढ हो। यह सब शायद भाषा विज्ञान के नियमों के कारण हो रहा है।
मैंने पहले पैरा में ‘ढ़’ और ‘ड़’ के नियम की चर्चा की कि अगर मुझे यह नियम मालूम होता तो बचपन से ही ढूँढ़ना ही लिखता और बोलता। आप जानना चाहते होंगे कि क्या है यह नियम? इसपर मैंने एक पूरी क्लास तैयार की है जिसे आप बाद में पढ़ सकते हैं। फ़िलहाल यहाँ आप उसे संक्षेप में जान लें। यह नियम कहता है कि शब्द के अंत में या बीच में हमेशा ‘ढ़’ और ‘ड़’ ही आएँगे, ‘ड’ और ‘ढ’ नहीं, बस एक स्थिति को छोड़कर जब ‘ड’ और ‘ढ’ संयुक्ताक्षर के रूप में हों यानी उनसे पहले कोई व्यंजन ध्वनि हो।
मसलन खड्ड के अंत में ‘ड’ हो सकता है क्योंकि उसमें ‘ड’ से पहले एक और ‘ड्’ के रूप में व्यंजन ध्वनि है। इसी तरह पंडित (पण्डित) के बीच में भी ‘ड’ हो सकता है क्योंकि उसमें भी ‘ड’ से पहले ‘ण्’ की व्यंजन ध्वनि है। एक वाक्य में कहें तो शब्द के बीच या अंत में ‘ढ’ या ‘ड’ हो सकता है लेकिन तभी जब उससे पहले कोई व्यंजन ध्वनि हो, न कि कोई स्वरयुक्त ध्वनि। यदि स्वरयुक्त ध्वनि होगी तो शब्द के बीच या अंत में ‘ढ’ या ‘ड; नहीं, ‘ढ़’ या ‘ड़’ ही आएगा। जैसे घड़ा, बड़ा, चौड़ा, सीढ़ी, दाढ़ी, लड़ाई, चढ़ाई, लड़का आदि। चौडा, लडका जैसा शब्द हिंदी में नहीं हो सकता।
आपमें से कई साथियों को मालूम होगा कि संस्कृत में ढ़ और ड़ नहीं हैं और अक्सर संस्कृत के जिन शब्दों में टवर्ग के वर्ण होते हैं, वे हिंदी में ड़ या ढ़ में बदल जाते हैं। जैसे पठन से पढ़ना, घटी से घड़ी, शुण्ड से सूँड़, कटक से कड़ा, षंड से साँड़ आदि।
इसका मतलब यह कि अगर हम ऊपर बताए गए नियम को अपनाते हैं, तब भी शब्द ढूँढ़ना ही बनता है, ढूँढना नहीं क्योंकि ढ/ढ़ से पहले कोई व्यंजन ध्वनि नहीं है, बल्कि (अनुनासिक स्वरयुक्त) ढूँ है।
हाँ, एक ही स्थिति में बीच में ‘ढ’ आ सकता है जब ढूँ की अनुनासिकता (चंद्रबिंदु) अनुस्वार (ण्) में बदल जाए। यानी ढूँढ़ना ढूण्ढना में बदल जाए। मगर ऐसा भी संभव नहीं दिखता क्योंकि मेरी समझ से हिंदी में ऐसे शब्द हैं ही नहीं जिनमें नासिक्य ध्वनियों यानी ङ्, ञ्, ण्, न् और म् से पहले ऊ स्वर हों। इसलिए यदि आपको बीच में ‘ढ’ बोलना है तो आपको फिर से संस्कृत के ‘ढुण्ढन’ वाला रूप अपनाना होगा यानी ढुण्ढन या ढुण्ढना बोलना होगा।
मगर यह सब होते हुए भी सच यह है कि ढूँढना ही आज ज़्यादा प्रचलित है। हमारे पोल में 63% ने इसके पक्ष में वोट डाला है और मेरे कंप्यूटर की डिक्शनरी में भी ढूँढना ही स्टॉर्ड है। जब भी मैं ढूँढ़ना टाइप करता हूँ, वह उसे ढूँढना कर देता है और मुझे सायास उसे ढूँढ़ना करना पड़ता है। इसलिए मैं इसे ग़लत नहीं ठहरा पा रहा हूँ। इसके साथ ही यह सवाल भी मेरे दिमाग़ में है कि जब बाक़ी शब्दों (पढ़ना, चढ़ना, मूँड़ना आदि) में ढ़/ड़ बदलकर ढ/ड नहीं हुआ तो ढूँढ़ना कैसे ढूँढना हो गया।
मुझे इसका एक ही जवाब सूझता है। वह यह कि बाक़ी शब्दों में ‘ढ़’ या ‘ड़’ से पहले असमान वर्ण हैं (पढ़ना में ‘प’, चढ़ना में ‘च’, मूँड़ना में ‘मूँ’) लेकिन ढूँढ़ना में दोनों एक ही वर्ण हैं – ढ। इसलिए हो सकता है कि जीभ के लिए दो ढ का बारी-बारी से उच्चारण करना संभव होता हो गया हो। अगर डूँड़ना जैसा कोई शब्द होता तो वह भी संभवतः डूँडना में बदल गया होता।
इस पहेली का सही जवाब तो Yogendranath Mishra ही दे सकते हैं।
ऊपर मैंने ड़ और ढ़ के नियम की चर्चा की है कि कहाँ ड/ढ होगा और कहाँ ड़/ढ़। उसपर एक पूरी क्लास मौजूद है। चाहें तो इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।