दो पक्षों द्वारा अपनी-अपनी दिशा में रस्सा खींचने के खेल को क्या कहते हैं? जब मैंने यह सवाल फ़ेसबुक पर रखा तो 59% ने कहा – रस्साकशी जबकि 39% ने रस्साकसी के पक्ष में वोट दिया। 2% ऐसे भी थे जिन्हें रस्साकस्सी सही लगता था। आख़िर सही क्या है और क्यों है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
सही शब्द है रस्साकशी जो रस्सा और कशी (कश का एक रूप) से मिलकर बना है। ‘कश’ फ़ारसी का शब्द है और उसका मतलब है खींचना (देखें चित्र)। कश जब किसी शब्द के अंत में प्रत्यय के तौर पर जुड़ता है तो उसका मतलब हो जाता है खींचने वाला। मसलन तारकश (तार खींचने वाला), आराकश (आरा खींचने/चलाने वाला)। दिलकश जो दिल को खींचे यानी आकर्षित करे। कशिश भी इसी से बना है।
आप इस आकर्षित शब्द पर ग़ौर फ़रमाएँ। यह आकर्षण से बना है और कर्षः का मतलब भी होता है खींचना (देखें चित्र)। तो क्या फ़ारसी के कश और संस्कृत के कर्षः में कोई रिश्ता है? हो भी सकता है।
चलिए, कश और कर्षः के रिश्ते का मामला अभी छोड़ते हैं और कश से बनने वाले और शब्दों पर चर्चा करते हैं। एक शब्द है मेहनतकश। अब मेहनतकश का खींचने से क्या संबंध है, यह समझ में नहीं आया। क्या मेहनत करते समय हम लंबी-लंबी साँसें लेते (खींचते) हैं, इसलिए मेहनतकश बना? मालूम नहीं।
इसी तरह पेचकश (स्क्रू-ड्राइवर) का भी खींचने से कोई रिश्ता नहीं दिखता (उसे खोलते समय ज़रूर हम खींचकर बाहर निकालते हैं), न ही पेशकश का खींचने से कोई सीधा संबंध नज़र आता है।
हो सकता है, कश के कुछ और भी अर्थ हों जिनके आधार पर ये शब्द बने हों। वैसे मद्दाह के उर्दू-हिंदी कोश में खींचने के अलावा इसके ये तीन और मतलब दिए गए हैं – 1. बग़ल, 2. छाती. 3. साँस (दम)।
पिछली बार नोकझोंक/नोंकझोंक पर बात करते हुए बहुत लंबी टिप्पणी लिख दी थी। इस बार आपको राहत देते हुए यहीं समाप्त करता हूँ। हाँ, जाते-जाते अपनी जानकारी को दुरुस्त करने के लिए एक सवाल करना चाहता हूँ। हो सके तो कॉमेंट में जवाब दीजिएगा – स्क्रू-ड्राइवर को आप पेचकश कहते हैं या पेचकस? मैं तो पेचकस ही कहता आया हूँ – पेच को कसने वाला औज़ार यानी पेचकस। लेकिन शब्दकोशों में पेचकश ही है (देखें चित्र)।
आपने ध्यान दिया? मैंने पेच लिखा है, पेंच नहीं। शब्दकोश में भी पेच ही है। इसपर हम पहले बात कर चुके हैं। समय और रुचि हो तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक/टैप करके पढ़ें कि क्यों पेच सही है।
One reply on “205. रस्सा खींचने का खेल रस्साकसी या रस्साकशी?”
जी लेकिन पेच तो ढीला भी किया जाता है टूल की मदद से तो पेचकश भी ठीक लग रहा।