निदान एक ऐसा शब्द है जो आज बिल्कुल ही भिन्न अर्थ में इस्तेमाल हो रहा है। कभी इसका अर्थ था कारण और आज इसका मतलब समाधान हो गया है। किसी शब्द का अर्थ अगर समय के साथ बदल जाए तो क्या उसके बदले हुए अर्थ को स्वीकार कर लेना चाहिए या मूल अर्थ को ही सही माना जाना चाहिए? निदान इस बहस के लिए उपयुक्त मिसाल है।