आज की चर्चा एक ऐसे शब्द के बारे में है जो साल में केवल एक बार बोला-पढ़ा-सुना जाता है लेकिन जब बोला जाता है तो वह मौक़ा होता है बहुत ख़ास। वह शब्द है प्राचीर। हर साल 15 अगस्त को देश के नाम प्रधानमंत्री के संदेश की ख़बर देते समय टीवी चैनलों, वेबसाइटों या अख़बारों में यह वाक्य बोला या लिखा जाता है। सवाल इस प्राचीर से पहले लगने वाले परसर्ग के बारे में है। यह ‘की’ होगा या ‘के’ होगा? प्राचीर स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग?
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हेडिंग में पूछा गया सवाल देखकर आप सोच रहे होंगे कि यह भी क्या सवाल हुआ। यह तो हर कोई जानता है कि ‘साम-दाम-दंड-भेद’ ही होता है, न कि ‘साम-दान-दंड-भेद’। यानी दूसरे नंबर पर दाम है, न कि दान। फ़ेसबुक पर हमारे साथियों ने भी यही जवाब दिया जब हमने उनसे यह सवाल पूछा था। लेकिन क्या यह सही जवाब है? जानने में रुचि हो तो आगे पढ़ें।
Communal Harmony का हिंदी अनुवाद क्या है – सांप्रदायिक सौहार्द… सौहार्द्र… या सौहार्द्य? जब मैंने फ़ेसबुक पर इसके बारे में सवाल किया तो 52% ने सौहार्द्र को सही बताया और 48% ने सौहार्द को। सौहार्द्य के पक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। अब प्रश्न यह है कि सही क्या है? जानने में रुचि हो तो आगे पढ़ें।
कायापलट दो शब्दों से बना है – काया और पलट। काया स्त्रीलिंग है और पलट पुल्लिंग। ऐसे में कायापलट का लिंग क्या होगा? दूसरे शब्दों में अगर हमें इसका वाक्य में इस्तेमाल करना हो तो क्या लिखेंगे? बहू ने आते ही घर ‘की’ कायापलट कर ‘दी’ या घर ‘का’ कायापलट कर ‘दिया’? आज की चर्चा इसी विषय पर। रुचि हो तो पढ़ें।
एक ही औज़ार जब छोटे आकार का हो तो सब्ज़ियाँ काटने के काम में आता है और बड़े आकार का हो तो किसी हत्यारे का हथियार बन जाता है और रक्त बहाता है। समझ तो गए होंगे आप कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ। लेकिन प्रश्न यह है कि उसे बोला क्या जाए – छुरा या छूरा। आज की चर्चा इसी शब्द पर।