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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

94. ‘पूज्य’ और ‘पूजनीय’ के घालमेल से बना ‘पूज्यनीय’

पूज्य, पूजनीय और पूज्यनीय। इनमें से कौनसा शब्द सही है? जवाब है – पहले दो। तीसरा शब्द पूज्यनीय इन पहले दो शब्दों – पूज्य और पूजनीय – के घालमेल से बना है। रोचक यह है कि पूज्य और पूजनीय का एक ही अर्थ है और दोनों एक ही धातु से बने हैं लेकिन अलग-अलग तरीक़े से। वह तरीक़ा क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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93. प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक का नाम सत्यजित रे या राय?

बंगाल के विश्वविख्यात फ़िल्म निर्देशक का नाम सत्यजित रे है या सत्यजित राय? जब यह सवाल मैंने फ़ेसबुक पर पूछा तो  61% ने कहा – रे। 39% की राय थी कि उनका सरनेम ‘राय’ है। सही जवाब है – राय। इस ‘राय’ का का ‘रे’ कैसे हुआ, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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90. पाँचवाँ और सातवाँ के बीच छठवाँ क्यों नहीं होता?

क्या कभी आपने सोचा है कि जब पाँचवाँ, सातवाँ, आठवाँ आदि के अंत में ‘वाँ’ है तो चार और छह से बनने वाले क्रमसूचक शब्दों में ‘वाँ’ क्यों नहीं है? चौथा को हम चारवाँ और छठा को छहवाँ या छठवाँ क्यों नहीं बोलते? जानने के लिए आगे पढ़ें।

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89. गांगुली दा का नाम सौरव है या सौरभ?

पश्चिम बंगाल के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी जिन्हें लोग दादा कहकर भी बुलाते हैं, उनके नाम के बारे में बहुत भ्रम है। चूँकि उनके नाम की अंग्रेज़ी स्पेलिंग में ‘v’ है, इसलिए हिंदी में उन्हें सौरव लिखा जाता है। लेकिन उनका नाम सौरभ है। फिर अंग्रेज़ी नाम में Saurabh के बजाय Saurav क्यों है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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88. बेवक़ूफ़ को अगर बेव्क़ूफ़ न कहें तो क्या कहें?

बेवक़ूफ़ के दो उच्चारण हैं – बेऽवक़ूफ़ और बेव्क़ूफ़। इनमें से कौनसा उच्चारण ज़्यादा लोकप्रिय है, यह जानने के लिए जब एक फ़ेसबुक पोल किया गया तो 90% ने कहा कि वे बेऽवक़ूफ़ बोलते हैं हालाँकि एक वॉइस सर्वेक्षण से पता चला कि बेऽवक़ूफ़ बोलने वाले बहुत ही कम हैं – सिर्फ़ 20%। आख़िर फ़ेसबुक पोल और वॉइस सर्वे में इतना अंतर क्यों, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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