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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

170. घर ‘की’ कायापलट या घर ‘का’ कायापलट?

कायापलट दो शब्दों से बना है – काया और पलट। काया स्त्रीलिंग है और पलट पुल्लिंग। ऐसे में कायापलट का लिंग क्या होगा? दूसरे शब्दों में अगर हमें इसका वाक्य में इस्तेमाल करना हो तो क्या लिखेंगे? बहू ने आते ही घर ‘की’ कायापलट कर ‘दी’ या घर ‘का’ कायापलट कर ‘दिया’? आज की चर्चा इसी विषय पर। रुचि हो तो पढ़ें।

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169. कभी अच्छा है, कभी बुरा है, वह छूरा है या छुरा है?

एक ही औज़ार जब छोटे आकार का हो तो सब्ज़ियाँ काटने के काम में आता है और बड़े आकार का हो तो किसी हत्यारे का हथियार बन जाता है और रक्त बहाता है। समझ तो गए होंगे आप कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ। लेकिन प्रश्न यह है कि उसे बोला क्या जाए – छुरा या छूरा। आज की चर्चा इसी शब्द पर।

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168. गुल माने फूल, गुल माने गुलाब या गुल माने दोनों?

‘फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन’ में गुल का मतलब साफ़ है – फूल। लेकिन गुलक़ंद में गुल का मतलब क्या है – क्या कोई भी फूल या केवल गुलाब? और गुलाब में जो गुल है, उसका अर्थ क्या है? फिर एक शब्द है बिजली गुल होना। यहाँ गुल का क्या अर्थ है? और शोरग़ुल? आज की क्लास इसी गुल और ग़ुल शब्दों पर। रुचि हो तो पढ़ें।

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167. जंग में सबकुछ जायज़ है तो ज़ंग में क्यों नहीं?

कुछ लोगों कन्फ़्यूज़ हो जाते हैं कि उर्दू से आए शब्दों में कहाँ नुक़्ता लगेगा और कहाँ नहीं। जल्दी होगा या ज़ल्दी, जबरन होगा या ज़बरन, जंग सही है या ज़ंग। जल्दी और जबरन में तो उन्हें स्पेलचेक से मदद मिल जाती है जो ज़ल्दी और ज़बरन लिखने पर उनके नीचे लाल रेखा दिखा देता है। लेकिन जंग और ज़ंग में ऐसा नहीं होता क्योंकि दोनों शब्द सही हैं हालाँकि उनके अर्थ अलग-अलग हैं। आज की क्लास इसी पर।

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166. सही शब्द क्या है – साहिब, साहब, साहेब या साब?

साहिब, साहब या साहेब? जब मैंने यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा तो 57% ने साहब को सही बताया। 29% के अनुसार साहिब और 14% के मुताबिक़ साहेब सही है। कुछ साथियों ने एक से अधिक विकल्पों को सही बताया। इनमें से सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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