मोहम्मद रफ़ी का गाया एक हिट गाना है — ऐ दिल, है मुश्किल जीना यहाँ। इसकी एक कड़ी है — बेघर को आवारा, यहाँ कहते हँस-हँस। खुद काटें गले सबके, कहें इसको ‘बिज़नस’। उन्हीं का गाया एक और गाना है — सर जो तेरा चकराए। इसमें भी ऐसी ही एक लाइन है — प्यार को होवे झगड़ा, या ‘बिज़नस’ का हो रगड़ा।
दोनो गानों में बहुत-सी बातें कॉमन हैं – 1. दोनों गाने रफ़ी साहब ने गाए हैं; 2. दोनों गाने जॉनी वॉकर पर फ़िल्माए गए हैं; 3. दोनों फ़िल्मों – ‘सीआइडी’ और ‘प्यासा’ – के निर्माता गुरुदत्त थे; 4. दोनों में Business को ‘बिज़नस’ गाया गया है। अनकॉमन बात यही है कि दोनों गीत दो अलग-अलग गीतकारों ने लिखे हैं। ‘ऐ दिल है मुश्किल’ मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है तो ‘सर जो तेरा चकराए’ साहिर लुधियानवी ने।
Business को ‘बिज़नस’ बोलने के लिए रफ़ी साहब को दोष नहीं दिया जा सकता। वे तो वही गाएँगे जो गीतकार लिखकर देगा। सवाल गीतकारों पर उठना चाहिए कि इन दोनों मशहूर गीतकारों ने Business को ‘बिज़नस’ क्यों लिखा जबकि सारा हिंदुस्तान ‘बिज़नेस’ बोलता है?