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190. परसों के बाद तरसों होता है या नरसों?

आज के बाद वाले दिन को कल कहते हैं और कल के बाद वाले को परसों। और परसों के बाद वाले दिन को क्या कहते हैं? तरसों? या नरसों? जब मैंने इसपर फ़ेसबुक पोल किया तो पता चला कि ‘तरसों’ और ‘नरसों’ के बीच तो सारा देश बँटा हुआ है। 36% का मानना था कि परसों के बाद वाले दिन को ‘तरसों’ कहते हैं तो 57% का कहना था कि परसों के बाद वाले दिन को ‘नरसों’ कहते हैं। 7% का मत था कि दोनों सही हैं। आख़िर सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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130. तीर्थस्थल का सही नाम क्या है – हरिद्वार या हरद्वार?

हरिद्वार या हरद्वार – यह एक ऐसा प्रश्न है जो मुझे किशोरावस्था से परेशान करता आया है। कारण यह कि जगह का नाम तो ‘हरिद्वार’ ही प्रचलित है लेकिन हर की पौड़ी में ‘हर’ है। यह मैं जानता था कि ‘हरि’ विष्णु के लिए (बोलो हरि, हरि बोल) इस्तेमाल होता है और ‘हर’ महादेव के लिए (हर-हर महादेव)। जब इसपर फ़ेसबुक पोल किया तो 58% ने हरिद्वार और 19% ने हरद्वार के पक्ष में वोट डाला था। बाक़ी 23% ने दोनों को सही ठहराया। आख़िर सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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30. जैसे पीढ़ा पुल्लिंग है, वैसे संविधान पीठ भी पुल्लिंग है

हिंदी में पीठ के दो अर्थ हैं। एक हमारे धड़ के पीछे का हिस्सा और दूसरा कोई पीढ़ा, आसन, चौकी, बेंच आदि। पहले वाले अर्थ में पीठ स्त्रीलिंग है मसलन ‘मेरी’ पीठ में दर्द हो रहा है। लेकिन बेंच या पीढ़े के अर्थ वाला पीठ पुल्लिंग है। कराण जानने के लिए आगे पढ़ें।

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