प्रचलित नियमों के विरुद्ध किसी को पैसे की अदायगी में या और किसी तरह की छूट दी जाए, तो उसे क्या कहते हैं – रियायत या रिआयत? अधिकतर लोग रियायत ही कहेंगे। लेकिन क्या यह सही है? जानने के लिए पढ़ें यह शब्दचर्चा।
रिआयत सही है या रियायत – जब यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा गया तो 72% ने रियायत को सही बताया जबकि 22% के अनुसार रिआयत सही है। शेष 6% ने दोनों को सही बताया।
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लेकिन बहुमत ग़लत है। सही शब्द है रिआयत। हर शब्दकोश – चाहे वह उर्दू का हो या हिंदी का – वह रिआयत को ही सही शब्द बताता है। वैसे हिंदी शब्दकोशों में रियायत भी है लेकिन रियायत की एंट्री में भी इशारा रिआयत की तरफ़ ही है (देखें चित्र)।
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लेकिन एक सच यह भी है कि आम हिंदीभाषी रियायत ही लिखता है, रिआयत नहीं। हमारे पोल के परिणाम से भी यही ज़ाहिर हुआ जिसमें 72% लोगों ने रियायत के पक्ष में वोट किया। अब जिस शब्दरूप को इतनी बड़ी आबादी ने अपनाया हुआ हो, उसे ग़लत ठहराना भी उचित नहीं है। हिंदी के कोशकार भी इससे परिचित हैं। इसी कारण उनके कोशों में रिआयत के साथ-साथ रियायत को भी जगह दी गई है। हम रियायत को रिआयत का परिवर्तित रूप मान सकते हैं।
सो अंतिम निष्कर्ष यही निकला कि हिंदी में दोनों शब्द मान्य हैं। आप रिआयत (मूल शब्द) भी लिख सकते हैं और रियायत (परिवर्तित शब्द) भी।
जाते-जाते एक रोचक बात जो मेरे लिए भी नई है। रिआयत शब्द रईयत (रैयत) या रिआया/रआया से बना है जिसका सामान्य मतलब है प्रजा लेकिन चूँकि प्रजा में बड़ी तादाद किसानों की भी होती है सो लगान देने वाले किसानों के लिए भी यह शब्द प्रयुक्त होता है।
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हुआ यह होगा कि जब प्रजा में शामिल किसानों को कभी किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी कारण से लगान में छूट दी जाती थी तो उस छूट को रिआयत कहा गया क्योंकि वह छूट रईयत (रैयत)/रिआया को दी गई होती है। यानी रिआयत रईयत/रिआया/रआया (किसान) से बना हुआ है हालाँकि आज इसका प्रयोग किसी वस्तु की क़ीमत या मोहलत में दयापूर्वक की गई कमी के लिए किया जाता है।