शादी से बाहर होनेवाले रिश्ते को क्या कहते हैं, इस सवाल के जवाब में 57% ने कहा – विवाहेत्तर जबकि 43% ने कहा – विवाहेतर। सही क्या है, यह जानने के लिए आपको पता करना होगा कि विवाह के बाद जो इतर या इत्तर लगा है, वह क्या है और उसका अर्थ क्या है।
जिन 57% लोगों ने विवाहेत्तर को सही बताया, वे शायद विवाहोत्तर से कन्फ़्यूज़ हो गए थे। लेकिन विवाहेतर और विवाहोत्तर न केवल दो अलग-अलग शब्द हैं बल्कि उनके अर्थ भी भिन्न-भिन्न हैं। विवाहेतर बना है विवाह+इतर से (अ+इ=ए) और विवाहोत्तर बना है विवाह+उत्तर से (अ+उ=ओ)। इतर का अर्थ है ‘दूसरा, अलावा, अन्य’ आदि जबकि उत्तर का अर्थ है ‘बाद में’। ऐसे में विवाहेतर का अर्थ हुआ विवाह के अलावा कोई अन्य जबकि विवाहोत्तर का अर्थ हुआ विवाह के बाद।
इतर संस्कृत का शब्द है और अलग से इसका उपयोग हिंदी में कम होता है क्योंकि इसके आसान विकल्प अलावा, अतिरिक्त आदि मौजूद हैं। जैसे आपको कहना हो कि मुझे क्रिकेट को छोड़कर बाक़ी खेलों में दिलचस्पी नहीं है तो आप ‘छोड़कर’ की जगह ‘अलावा’ लिखेंगे और बोलेंगे न कि ‘इतर’। लेकिन विवाहेतर की तरह कुछ शब्दों के साथ संधिरूप में यह इस्तेमाल में आता है जैसे कार्येतर दिवस (non-working day), पाठ्येतर गतिविधियाँ (extra-curricular activities) आदि।
त और त्त का भ्रम बढ़ोतरी/बढ़ोत्तरी शब्द को लेकर भी है। आपको क्या लगता है – बढ़ोतरी सही है या बढ़ोत्तरी? इस पर चर्चा हो चुकी है। रुचि हो तो पढ़ें।