हर कोई जानता है कि पानी पुल्लिंग है और इसीलिए बोलते हैं – ठंडा पानी। ठंडी पानी कोई नहीं बोलता। लेकिन वही पानी जब जम जाता है तो उसे बर्फ़ कहते हैं। अब यह बर्फ़ पुल्लिंग बोला जाएगा या स्त्रीलिंग? बर्फ़ खाई या बर्फ़ खाया? इसी पर है यह चर्चा। रुचि हो तो आगे पढ़ें।
मुझे नहीं मालूम, बर्फ़ को आप क्या बोलते हैं – स्त्रीलिंग या पुल्लिंग लेकिन जब मैंने फ़ेसबुक पर पोल किया तो पता चला कि 80% लोग उसे स्त्रीलिंग मानते हैं जबकि 20% उसे पुल्लिंग मानते हैं।
शब्दकोशों के अनुसार भी यह स्त्रीलिंग ही है (देखें चित्र)।
लेकिन कामताप्रसाद गुरु के ग्रंथ हिंदी व्याकरण में बर्फ़ को उभयलिंग बताया गया है यानी यह पुल्लिंग के रूप में भी बोला जा सकता है और स्त्रीलिंग के रूप में भी। देखें नीचे उनकी किताब का वह हिस्सा जहाँ वह उभयलिंगी शब्दों के उदाहरण देते हैं।
आपने देखा कि गुरुजी ने जो उदाहरण दिए हैं, उनमें बर्फ़ भी एक है। लेकिन मेरी समझ यह है कि जब यह ग्रंथ लिखा गया था, तब हो सकता है कि बर्फ़ और दूसरे भी कई शब्द दोनों तरह से बोले और लिखे जाते होंगे। मगर आज की तारीख़ में इनमें से अधिकतर का कोई एक लिंग हिंदी समाज ने स्वीकार कर लिया है। मसलन आत्मा, क़लम, गड़बड़, गेंद, घास, दरार, पुस्तक, श्वास आदि स्त्रीलिंग के रूप में बोले-लिखे जाते हैं जबकि चाल-चलन और समाज पुल्लिंग के रूप में। कुछ में अभी भी दुविधा है जैसे तमाखू।
जब मैंने फ़ेसबुक पर यह पोल किया था तो उसपर कॉमेंट करते हुए एक सज्जन ने सवाल किया कि पानी जमकर स्त्रीलिंग क्यों हो जाता है। मेरी समझ से उनके कहने का मतलब यह था कि पानी तो पुल्लिंग है तो जब वह जमकर बर्फ़ बन जाता है तो वह स्त्रीलिंग के रूप में क्यों बोला जाता है।
अगर आपके भी दिमाग़ में यह प्रश्न उठता है तो उसका जवाब वही है जो मेरे भाषामित्र योगेंद्रनाथ मिश्र अक्सर कहा करते हैं। उनके अनुसार ‘वस्तु का लिंग नहीं होता, शब्द का लिंग होता है।’ पानी और बर्फ़ दोनों शब्द हैं जो एक ही पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। पानी पुल्लिंग है, इसका मतलब यह नहीं कि वह तरल पदार्थ पुल्लिंग है या बर्फ़ स्त्रीलिंग है, इसका मतलब यह नहीं कि वह ठोस पदार्थ स्त्रीलिंग है।
इसे आप यूँ समझें कि सड़क, रास्ता, राह, पथ, रोड – ये सब एक ही वस्तु के अलग-अलग नाम हैं मगर उनके लिंग अलग-अलग हैं। सड़क और राह स्त्रीलिंग हैं, रास्ता और पथ पुल्लिंग हैं और रोड को कहीं पुल्लिंग और कहीं स्त्रीलिंग के रूप में बोला जाता है।
निष्कर्ष यह कि पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्द होते हैं, वस्तुएँ नहीं। मुझे याद नहीं आ रहा लेकिन ऐसा बिल्कुल हो सकता था कि पानी (पु) का कोई पर्यायवाची शब्द स्त्रीलिंग होता, बर्फ़ (स्त्री) का तो संस्कृत पर्याय हिम पुल्लिंग ही है।
आज और कुछ कहने को है नहीं। हाँ, एक सवाल कुछ लोगों के दिमाग़ में आ सकता है कि बर्फ़ सही है या बरफ़। तो इसके बारे में सारे कोश एकमत से बर्फ़ को सही बताते हैं।
बर्फ़ तो सही है मगर क्या गर्म भी सही है? इसके बारे में हम पहले चर्चा कर चुके हैं। रुचि हो तो पढ़ें। लिंक नीचे दिया है।