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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

229. Allocation = आवंटन या आबंटन?

Allocation या Allotment के अर्थ में हिंदी में दो शब्द चलते हैं – ‘आवंटन’ और ‘आबंटन’। व्याकरण के हिसाब से देखें तो ‘आवंटन’ सही लगता है क्योंकि संस्कृत के ‘वंटन’ शब्द से यह बना है। लेकिन सरकारी कामकाज में ‘आबंटन’ शब्द इस्तेमाल होता है। ऐसे में किसे सही माना जाए, आज की चर्चा इसी पर है।

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228. सपत्नी का अर्थ पत्नी के संग या किसी की सौतन?

किसी को ‘परिवार के साथ’ आमंत्रित करना हो तो हम कहते हैं – ‘परिवार आएँ’। इसी तरह किसी को ‘पत्नी के साथ’ बुलाना हो तो क्या कहेंगे? ‘पत्नी’ आएँ? नहीं, ऐसा न करें क्योंकि शब्दकोशों के अनुसार ‘सपत्नी‘ का मतलब है सौत। यह मतलब किसी भी पत्नी को दुखी कर सकता है। ऐसे में किसी को ‘पत्नी के साथ’ बुलाना हो तो किस शब्द का प्रयोग किया जाएगा, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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227. कल कहाँ तुम होगी, कहाँ मैं होऊँगा… या हूँगा?

यदि आपको किसी कहानी या नाटक में ऊपर शीर्षक में दिया गया संवाद लिखना पड़े तो आप क्या लिखेंगे? हूँगा या होऊँगा? जब यही सवाल फ़ेसबुक पर रखा गया तो 82% के विशाल बहुमत ने ‘होऊँगा’ के पक्ष में राय दी। क्या वे सही हैं? अगर सही हैं तो क्या मुंशी प्रेमचंद और निराला जैसे लेखक ग़लत थे जिन्होंने अपनी रचनाओं में बीसियों जगह हूँगा लिखा है? आज की चर्चा इन्हीं दो शब्दों पर है। रुचि हो तो आगे पढ़ें।

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226. ‘मँजा’ हुआ कलाकार या ‘मँझा’ हुआ कलाकार?

कोई कलाकार जिसके हुनर में समय के साथ काफ़ी बेहतरी आई हो, उसे आप क्या कहेंगे – मँजा हुआ कलाकार या मँझा हुआ कलाकार? वैसे आप चाहे जिसे सही मानते हों, आपकी जानकारी सही है या ग़लत, यह तो आप ज़रूर जानना चाहेंगे। और इसका जवाब इस बार मैं नहीं दूँगा, आप ख़ुद पता करेंगे कि सही शब्द क्या है, बिना शब्दकोश देखे, बिना मुझसे पूछे। कैसे, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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225. मेरे नैना सावन-भादो… या सावन-भादों?

भारतीय पंचांगों में जो 12 महीने होते हैं, क्या आपको उन सबके नाम और क्रम याद हैं? घबराइए मत, मैं आपसे उन सबके नाम नहीं पूछने जा रहा हूँ, न ही बताने जा रहा हूँ। आज की चर्चा बस एक ख़ास महीने के बारे में है जो श्रावण (सावन) के ठीक बाद आता है। जिस तरह श्रावण हिंदी में सावन हो गया, वैसे ही वह महीना – भाद्रपद – भी बोलने में थोड़ा आसान हो गया। वह आसान नाम क्या है – भादो या भादों।

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