Candidate के लिए हिंदी का जो सरकारी शब्द है, उसे दो तरह से लिखा जाता है – अभ्यर्थी और अभ्यार्थी। इसमें से सही क्या है और क्यों है, इसी पर चर्चा की गई है। रुचि हो तो पढ़ें।

Candidate के लिए हिंदी का जो सरकारी शब्द है, उसे दो तरह से लिखा जाता है – अभ्यर्थी और अभ्यार्थी। इसमें से सही क्या है और क्यों है, इसी पर चर्चा की गई है। रुचि हो तो पढ़ें।
कूपमंडूक की कथा तो आप जानते ही होंगे। इसमें एक जानवर की कहानी के बहाने ऐसे लोगों पर व्यंग्य किया गया है जो अपने सीमित दायरे को ही ध्रुवसत्य और सर्वश्रेष्ठ समझते हैं। इस कथा में जो मंडूक शब्द आया है, उसके हिंदी में अलग-अलग रूप प्रचलित हैं। कोई मेढक कहता है तो कोई मेंढक। कुछ लोग मेंडक भी कहते हैं और कुछ मेढ़क भी (देखें चित्र)। यह चर्चा इसी पर है कि मंडूक के लिए सही शब्द कौनसा है। रुचि हो तो पढ़ें।
साँठगाँठ सही है या साठगाँठ? इसके बारे में कई लोगों को उलझन हो जाती है। कारण, यदि साँठगाँठ सही है तो इसमें साँठ का क्या मतलब है? और यदि साठगाँठ सही है तो यहाँ साठ का अर्थ क्या 60 की संख्या है? यदि है तो 60 गाँठों का ‘दो या अधिक लोगों के बीच के साज़िशी संबंध’ का अर्थ कैसे निकलता है? आज की चर्चा इसी पर है।
आपने कई लोगों को किसी के बारे में कहते सुना होगा – ‘वह भाड़ में जाए’। हो सकता है, आप स्वयं भी इस मुहावरे का प्रयोग करते हों। इसी तरह ‘भाड़ झोंकना’ भी चलता है। मगर इन मुहावरों में आए ‘भाड़’ का अर्थ क्या आप जानते हैं? नहीं जानते तो पढ़ें यह शब्दचर्चा जिसमें भाड़ का मतलब बताया गया है। साथ ही यह भी कि भाड़ की जगह भाँड़ का प्रयोग करने से कैसे अर्थ का अनर्थ हो सकता है।