सैकड़ों सही है या सैंकड़ों? यानी कई सौ के लिए हिंदी में जो शब्द लिखा जाता है, उसमें ‘सै’ पर बिंदी लगेगी या नहीं? आज की चर्चा इसी पर है। रुचि हो तो आगे पढ़ें।
सैकड़ों सही है या सैंकड़ों? यानी कई सौ के लिए हिंदी में जो शब्द लिखा जाता है, उसमें ‘सै’ पर बिंदी लगेगी या नहीं? आज की चर्चा इसी पर है। रुचि हो तो आगे पढ़ें।
‘नाम’ शब्द और इसके अर्थ से हम सभी परिचित हैं और इससे बने अन्य शब्दों से भी। जैसे हरिनाम, सहस्रनाम, सर्वनाम, उपनाम, गुमनाम, बेनाम, बदनाम, हमनाम। ध्यान दीजिए, जहाँ पहले चार शब्दों में ‘नाम’ संस्कृत के शब्दों से जुड़ा है (हरि, सहस्र, सर्व और उप), वहीं बाक़ी चार शब्दों में ‘नाम’ फ़ारसी के शब्दों से जुड़ा है (गुम, बे, बद और हम)। ऐसे में किसी के भी मन में यह जिज्ञासा उत्पन्न हो सकती है कि एक ही अर्थ वाला नाम शब्द दोनों भाषाओं में कैसे मौजूद है?
नीम हकीम ख़तरा-ए-जान में ‘नीम’ का क्या अर्थ है – – एक वनस्पति, आधा या नक़ली? जब यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा गया तो 80% के विशाल बहुमत ने नीम का अर्थ ‘आधा’ बताया। शेष ने बाक़ी विकल्पों के पक्ष में मतदान किया। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
किसी पूजा में देवताओं को जो दूध, जल, फूल आदि का मिश्रण चढ़ाया जाता है, उसे क्या कहते हैं – अर्घ या अर्घ्य? जब इस सवाल को फ़ेसबुक पर रखा गया तो 80% के विशाल बहुमत ने अर्घ्य के पक्ष में मतदान किया। अर्घ के पक्ष में केवल 17% थे। क्या बहुमत की राय सही है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
कोश और कोष – इनमें से कौनसा शब्द सही है? या फिर दोनों सही हैं? अगर दोनों सही हैं तो क्या दोनों का एक ही अर्थ है या दोनों का अलग-अलग मतलब है? आज की चर्चा इसी पर है। रुचि हो तो पढ़ें।