कई शब्द ऐसे होते हैं जो हमारी बोलचाल में बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं होते लेकिन वे किसी चर्चित रचना का हिस्सा होते हैं। ऐसा ही एक शब्द आता है ‘सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्ताँ हमारा’ वाले गीत में। इसमें हिमालय की तारीफ़ करते हुए अल्लामा इक़बाल ने लिखा है – वो संतरी हमारा, वो ….. हमारा। आज की चर्चा इसी मुद्दे पर है कि यह शब्द पासवाँ है या पासबाँ। रुचि हो तो पढ़ें।