कुछ दिन पहले मैंने एक मशहूर कवि के फ़ेसबुक पेज पर यह लिखा देखा – तुम्हें जाना हो तो/ उस तरह जाना/ जैसे गहरी नींद में/ देह से प्राण जाता है (देखें चित्र)। मुझे पढ़कर कुछ खटका। प्राण जाता है या प्राण जाते हैं? बाद में इसके बारे में फ़ेसबुक पर पोल भी किया जिसमें 95% ने कहा – प्राण जाते हैं। क्या वे सही हैं? अगर हाँ तो प्राण का इस्तेमाल बहुवचन जैसा क्यों किया जाता है? आज की चर्चा इसी पर।