आपमें से अधिकतर लोग सोच रहे होंगे कि यह भला क्या सवाल हुआ। हर कोई जानता है कि हम सौगंध ही खाते हैं, सौगंद नहीं। परंतु सच बात यह है कि आज से सौ-डेढ़ सौ साल पहले लोग सौगंध नहीं, सौगंद खाते थे। यह सौगंद हिंदी में कहाँ से आया और आगे चलकर सौगंध कैसे हो गया, यह जानने में रुचि हो तो आगे पढ़ें।