बलात्कारी कई तरह के होते हैं। कुछ साफ़ नज़र आते हैं, कुछ भेस बदलकर आते हैं। जो साफ़ नज़र आते हैं, उनके लिए क़ानून में सज़ा का प्रावधान है। मगर जो भेस बदलकर आते हैं, उनके मामले में क़ानूनी स्थिति और अदालतों का नज़रिया अस्पष्ट है। जैसे उन लोगों के साथ क्या सलूक हो जो दूल्हे का चोला साथ लेकर आते हैं, शादी से पहले ही सुहागरात मनाते हैं और फिर वह चोला फेंककर कहीं चले जाते हैं। क्या वे भी बलात्कारी हैं? अगर हाँ तो कब और नहीं तो कब? आज इसी विषय पर चर्चा करेंगे। रुचि हो तो पढ़ें।