Categories
आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

182 : अनुमान से अनुमानित तो अनुवाद से अनूदित क्यों?

अनुमान-अनुमानित, अनुत्तर-अनुत्तरित, अनुकूल-अनुकूलित। इन सबमें एक समानता देख पा रहे होंगे आप। समानता यह कि शुरू वाले शब्दों में ‘इत’ लगाकर किसी कार्य के हो चुकने का अर्थ देने वाले शब्द बने हैं। ऐसे शब्दों को भूतकालिक कृदंत कहते हैं। लेकिन जब हम अनुवाद शब्द के साथ ऐसा ही करने का प्रयास करते हैं तो उससे अनुवादित शब्द बनने के बजाय अनूदित शब्द बनता है। यानी अनुवाद का ‘वा’ ग़ायब हो जाता है और अनु का ‘अनू‘ हो जाता है। ऐसा क्यों, इसी के बारे में चर्चा करेंगे इस क्लास में। रुचि हो तो आगे पढ़ें।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial