एक छोटा-सा कीटाणु जिसे हम अपनी आँखों से देख भी नहीं सकते, किस तरह दुनिया में तबाही मचा सकता है, यह हमें करोनावाइरस ने बता दिया। क्या कहा, करोनावाइरस ग़लत है? सही शब्द कोरोना है? चलिए, पता लगाते हैं।
CORONAVIRUS अंग्रेज़ी का शब्द है लेकिन हिंदी सहित दुनिया के सभी भाषाओं में चल रहा है। अब यह हिंदी का अपना शब्द हो गया है। इसे हिंदी में कोरोनावाइरस लिखा जाता है लेकिन इसका सही उच्चारण करोना है या कोरोना, यही हमें पता लगाना है।
जब इस वाइरस के नाम के बारे में फ़ेसबुक पर पोल किया गया तो जैसी कि आशंका थी, अधिकतर लोगों (87%) ने कोरोनावाइरस के पक्ष में वोट दिया। इसमें उनका कोई दोष नहीं। सारे हिंदी टीवी चैनल, अख़बार और वेबसाइटें कोरोनावाइरस ही लिखते रहे हैं (अंग्रेज़ी चैनलों का मुझे पता नहीं)। हिंदी के पत्रकार इसलिए कोरोना लिख रहे हैं कि उनके हिसाब से जब C के बाद O है तो उच्चारण ‘ओ’ ही होना चाहिए हालाँकि हम सब जानते हैं कि अंग्रेज़ी में O का उच्चारण हमेशा ‘ओ’ ही नहीं होता। जैसे COTTON में ही पहले O का उच्चारण ‘ऑ’ है तो दूसरे O का उच्चारण ‘अ’ है। इसी तरह COME में O का उच्चारण ‘अ’ है जबकि GO में ‘ओ’ है।
अगर किसी भी हिंदी पत्रकार ने अंग्रेज़ी का शब्दकोश देखने की ज़हमत उठाई होती तो वह समझ गया होता कि CORONA का उच्चारण करोना है और इसका अर्थ है मुकुट। हो सकता है, कुछेक पत्रकारों ने ऐसा किया भी हो लेकिन सभी जगह कोरोनावाइरस लिखा और बोला जाता देखकर शायद उन्होंने भी कोरोना लिखना शुरू कर दिया हो। आजकल सर्च का भी चक्कर है। अगर 87% लोग कोरोना सर्च कर रहे हैं और आप अपनी वेबसाइट पर करोना लिखेंगे तो आपकी स्टोरी सर्च के परिणामों में नहीं आएगी।
CORONA का मूल अर्थ है पुष्पचक्र – फूल-पत्तियों से बना हुआ चक्र। बाद में इसका अर्थ हो गया मुकुट क्योंकि आरंभ में जो मुकुट पहने जाते थे, वे फूल-पत्तियों से ही बने होते थे। रोमन मूर्तियों में भी हमें ऐसे मुकुट मिलते हैं। आगे जाकर मुकुटों का रूप और विस्तृत हो गया। उसमें बहुमूल्य धातुओं और पत्थरों का इस्तेमाल होने लगा।
अब प्रश्न यह कि इस वाइरस का नाम करोनावाइरस क्यों पड़ा। कारण यह कि इसके बाहरी हिस्से पर वैसे ही नुकीले उभार होते हैं जैसे मुकुट पर होते हैं (देखें चित्र)।
करोनावाइरस पर चर्चा करते हुए मैं वाइरस के बारे में कुछ बातें शेयर करने से ख़ुद को नहीं रोक पा रहा क्योंकि मुझे लगता है, अधिकतर पाठकों तक अभी भी यह जानकारी नहीं पहुँची है कि वाइरस होता क्या है। जो जानते हैं या जिनकी इसके बारे में जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है, वे क्लास को यहीं समाप्त समझें और अन्य ज़रूरी काम में लग जाएँ। बाक़ी जो जानना चाहते हैं, वे रुके रहें और नीचे आसान भाषा में लिखा वह लेख पढ़ें जो मैंने एक वेबसाइट पर पढ़ा था – करोनावाइरस – एक मुर्दा जो आपके छूते ही ज़िंदा हो जाता है। विषय बड़ा है इसलिए थोड़ा लंबा है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। आपको जहाँ तक रोचक लगे, वहाँ तक पढ़ें। जहाँ ऊबने लगें, चुपके से कट लें। न मुझे पता चलेगा, न लेखक को, न ही वाइरस को।