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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

180. स्वायत्त से स्वायत्तता बनेगा या स्वायत्ता?

आपमें से कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह भी क्या सवाल है – यह तो हर कोई जानता है कि स्वायत्तता और स्वायत्ता में क्या सही है। परंतु कुछ दिन पहले जब एक नामी टीवी चैनल की उतनी ही नामी ऐंकर महोदया को इस शब्द का ग़लत उच्चारण करते सुना तो लगा कि कुछ लोग तो हैं जो सही उच्चारण नहीं जानते। फिर नेट पर सर्च किया तो पाया कि आजतक और नवभारत टाइम्स जैसी नामी वेबसाइटों पर भी वही ग़लत स्पेलिंग है। इसीलिए यह क्लास। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

जब मैंने फ़ेसबुक के मंच पर स्वायत्तता और स्वायत्ता के बारे में सवाल पूछा तो 82% लोगों ने स्वायत्तता के पक्ष में वोट दिया। 12% ने स्वायत्ता को सही बताया जबकि 6% के अनुसार दोनों सही थे।

सही शब्द है स्वायत्तता। सही इसलिए है कि यह स्वायत्त से बना है। स्वायत्त एक विशेषण है जिसमें -ता प्रत्यय लगाकर स्वायत्तता बना है – स्वायत्त+ता। स्वायत्ता तब बनता जब मूल शब्द स्वायत् होता। तब स्वायत्+ता मिलकर स्वायत्ता हो सकता था जैसे महत्+ता के मिलने से महत्ता बनता है। शब्दकोशों में भी स्वायत्तता ही दिया हुआ है (देखें चित्र)।

इस शब्द पर पोल करने से पता चला कि स्वायत्त जिस शब्द से बना है, उसका मूल अर्थ क्या है। स्वायत्त बना है स्व+आयत्त (ध्यान दीजिए, यह आयत्त है, आयत नहीं जो हम गणित की क्लास में पढ़ते थे)। शब्दकोशों के अनुसार आयत्त का अर्थ है – अधीन, आश्रित। इसलिए स्वायत्त का अर्थ हुआ – जो स्वयं पर आश्रित हो या स्वयं के अधीन हो।

स्वायत्तता और स्वायत्ता की तरह एक और शब्द है जिसपर लोगों को भ्रम हो जाता है। वह है तत्वावधान या तत्वाधान। इसपर पहले चर्चा हो चुकी है। रुचि हो तो पढ़ें।

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