कई शब्द ऐसे होते हैं जो हमारी बोलचाल में बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं होते लेकिन वे किसी चर्चित रचना का हिस्सा होते हैं। ऐसा ही एक शब्द आता है ‘सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्ताँ हमारा’ वाले गीत में। इसमें हिमालय की तारीफ़ करते हुए अल्लामा इक़बाल ने लिखा है – वो संतरी हमारा, वो ….. हमारा। आज की चर्चा इसी मुद्दे पर है कि यह शब्द पासवाँ है या पासबाँ। रुचि हो तो पढ़ें।
आज हम जिस शब्द पर चर्चा कर रहे हैं, वह हिमालय के संदर्भ में लिखा गया है। पूरा शेर इस प्रकार है –
पर्बत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का,
वो संतरी हमारा, वो पासवाँ/पासबाँ हमारा
अब यह जो शब्द है – पासवाँ या पासबाँ – उसके अर्थ का अंदाज़ा तो उससे पहले की लाइन – वो संतरी हमारा – से हो जाता है कि पासवाँ या पासबाँ का अर्थ भी सुरक्षा से ही जुड़ा होगा। लेकिन सही शब्द क्या है, इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है क्योंकि यह शब्द बोलचाल या लेखन में उतना आम नहीं है। इसलिए कुछ लोग पासवाँ बोलते/लिखते हैं और कुछ पासबाँ।
सही शब्द है पासबाँ जो पासबान का ही एक रूप है। ‘पास’ फ़ारसी शब्द है जिसका मतलब है – निगरानी, निरीक्षण, हिफ़ाज़त आदि (देखें चित्र)।
इसी पास में ‘बान’ प्रत्यय जोड़कर पासबान बना है जिसे पासबाँ भी लिखा जाता है। बान फ़ारसी प्रत्यय है और करनेवाला के अर्थ में इस्तेमाल होता है। इसके कुछ कॉमन उदाहरण हैं – मेहरबान, दरबान, मेज़बान, बाग़बान, निगहबान आदि।
ऊपर के सभी शब्द फ़ारसी से आए हैं और इसीलिए इनमें ‘बान’ प्रत्यय लगा है। संस्कृत से आए शब्दों में ‘वान’ प्रत्यय लगता है जैसे धनवान, भगवान, भाग्यवान, दयावान, सामर्थ्यवान आदि।
यानी अगर आपको किसी शब्द के बारे में संदेह हो कि उसमें वान है या बान तो यह पता लगाने की कोशिश करें कि वह अरबी-फ़ारसी परिवार का है या संस्कृत का। अगर अरबी-फ़ारसी परिवार का है तो बान होगा, संस्कृत का है तो वान। वैसे पहलवान फ़ारसी का शब्द है, मगर उसमें बान नहीं है।
इसी तरह भारतीय परिवेश में अंग्रेज़ी और फ़ारसी के कुछ शब्दों में भी वान प्रत्यय लग गया है जैसे फ़ीलबान (फ़ारसी) का फ़ीलवान हो गया, Coachman का कोचवान हो गया। इसी पैटर्न पर गाड़ीवान और हाथीवान शब्द बने। यही कारण है कि भारत में कुछ लोग पासबाँ को भी पासवाँ समझने और बोलने लगे।
पासबाँ का प्रयोग तराना-ए-हिंदी (सारे जहाँ से अच्छा) के अलावा इक़बाल के एक और मशहूर शेर में हुआ है। वह शेर यूँ है –
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल,
लेकिन कभी-कभी इसे तनहा भी छोड़ दे।
दिल के बजाय हमेशा दिमाग़ की सुनने वालों के लिए कितना बेहतरीन सुझाव है।
ऊपर मैंने Coachman का उल्लेख किया है। क्या आपको मालूम है कि Coachman का सही उच्चारण कोचमैन नहीं, कोचमन होगा। वह इसलिए कि अंग्रेज़ी में -man जब किसी शब्द के बाद वाले हिस्से में आता है तो उसका उच्चारण ‘मन’ हो जाता है। वैसे इसके कुछ अपवाद भी हैं। अगर इसके बारे में विस्तान से जानने की इच्छा हो तो नीचे दिए गए लिंक पर जा सकते हैं।