धनिया की चटनी या धनिये की चटनी? जब यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा गया तो 60% लोगों ने कहा – ‘धनिये’ की चटनी जबकि शेष 40% के अनुसार ‘धनिया’ की चटनी सही है। रोचक बात यह है कि ये दोनों प्रयोग सही हैं। कैसे यह, जानने के लिए आगे पढ़ें।
धनिया की चटनी और धनिये की चटनी – इन दोनों में सही क्या है, इसका जवाब हमें किसी शब्दकोश से नहीं मिल सकता क्योंकि उसमें केवल शब्द दिया रहता है और उसका अर्थ दिया रहता है। वहाँ यह लिखा नहीं मिलता कि धनिया के बाद ‘की’ के रूप में कोई परसर्ग या विभक्ति चिह्न आएगा तो उसका रूप बदलेगा या नहीं।
इस प्रश्न का जवाब हमें व्याकरण की किताब से ज़रूर मिल सकता है क्योंकि व्याकरण ही तय करता है कि किसी शब्द के बाद ‘ने’, ‘का’, ‘पर’, ‘से’ आदि आते है तो उस शब्द में कोई परिवर्तन होगा या नहीं और अगर होगा तो क्या परिवर्तन होगा।
परसर्ग (कारक चिह्न) से संबंधित व्याकरण का एक नियम कहता है कि जब किसी पुल्लिंग शब्द जो आकारांत हो यानी ऐसा शब्द जिसके अंत में ‘आ’ स्वर हो (जैसे धनिया), उसके साथ कोई परसर्ग या विभक्ति चिह्न (जैसे का, की, में, से, पर आदि) लगाएँगे तो ‘आ’ का ‘ए’ हो जाएगा। मसलन लड़का। यह आकारांत है। पुल्लिंग है। इसके बाद ‘ने’ लगाकर वाक्य बनाएँगे तो होगा – लड़के ने कहा…। यहाँ ‘ने’ लगने के कारण लड़का लड़के में बदल गया।
यही नियम यह भी कहता है कि अगर वह आकारांत शब्द स्त्रीलिंग हो तो उसका रूप नहीं बदलेगा। जैसे माला। आकारांत है। स्त्रीलिंग है। यदि माला के बाद ‘के’ लगाकर वाक्य बनाएँगे तो होगा – माला के फूल मुरझा गए हैं। यहाँ ‘के’ लगने के बावजूद माला माला ही रहा।
संक्षेप में इस नियम का मतलब यह हुआ कि धनिया शब्द अगर पुल्लिंग है तो उसके बाद ‘की’ आने पर उसका रूप बदल जाएगा – वह धनिया से धनिये हो जाएगा। होगा – धनिये की चटनी। लेकिन अगर वह स्त्रीलिंग हुआ तो उसका रूप नहीं बदलेगा। वह धनिया का धनिया ही रहेगा। तब धनिया की चटनी ही बोला जाएगा।
यानी धनिया की चटनी सही है या धनिये की चटनी – यह इस बात पर निर्भर करता है कि धनिया पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग।
अब इसकी जानकारी हमें व्याकरण नहीं देता। इसके लिए हमें शब्दकोश की ही शरण में जाना होगा क्योंकि शब्दकोश ही बताते हैं कि किसी शब्द का लिंग क्या है।
लेकिन समस्या यह है कि धनिया के लिंग के मामले में शब्दकोश एकमत नहीं हैं। हिंदी शब्दसागर कहता है, धनिया पुल्लिंग है तो ज्ञानमंडल के शब्दकोश के अनुसार धनिया स्त्रीलिंग है (देखें चित्र)।
इसी तरह बुल्के का कोश धनिया को पुल्लिंग बताता है तो राजपाल का कोश स्त्रीलिंग। पुल्लिंग-स्त्रीलिंग के इस चक्कर से बचने के लिए ऑक्सफ़र्ड के हिंदी-अंग्रेज़ी कोश ने उसे पुल्लिंग और स्त्रीलिंग (m और f) दोनों बता दिया (देखें चित्र)।
मेरी समझ से शब्दकोशों में यह मतभिन्नता इस कारण है कि अलग-अलग इलाक़ों में धनिया का अलग-अलग रूप में प्रयोग होता है – कहीं स्त्रीलिंग की तरह तो कहीं पुल्लिंग की तरह। कहीं हरा धनिया कहते हैं तो कहीं हरी धनिया। ऐसे में कोशकार जिस इलाक़े से होगा, उसी के अनुसार उसने उसे पुल्लिंग या स्त्रीलिंग बता दिया होगा।
मैं ख़ुद बचपन से कलकत्ता में रहा हूँ और इसे पुल्लिंग ही बोलता आया हूँ – हरा धनिया। लेकिन मैं अपनी राय आपपर थोपकर यह नहीं कहना चाहता कि धनिया पुल्लिंग है। इसलिए ऑक्सफ़र्ड के कोशकार की तरह मेरा मत यहि है कि यदि आप धनिया को स्त्रीलिंग मानते हैं, हरी धनिया कहते हैं तो आपको कहना चाहिए धनिया की चटनी और अगर आप धनिया को पुल्लिंग मानते हैं, हरा धनिया कहते हैं तो आपको कहना चाहिए धनिये की चटनी।
मेरे भाषामित्र योगेंद्रनाथ मिश्र की इस बारे में स्पष्ट राय है कि धनिया स्त्रीलिंग है। उनके अनुसार अधिकतर इयांत शब्द (यानी वे शब्द जो -इया से अंत होते हैं) स्त्रीलिंग हैं। जैसे बुढ़िया, गुड़िया, कुतिया, खड़िया, खटिया, कटिया, चुटिया, डलिया, पुलिया, गठिया। ये सब स्त्रीलिंग हैं।
लेकिन मेरे विचार से यह कोई पुख़्ता आधार नहीं है धनिया को स्त्रीलिंग ठहराने का क्योंकि इनमें से अधिकतर या तो ऊनवाचक संज्ञाएँ हैं जहाँ किसी और शब्द का छोटा रूप दर्शाने के लिए -इया प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाए गए हैं (पुल/पुलिया, खाट/खटिया, चोटी/चुटिया) या फिर पुल्लिंग शब्द के स्त्रीलिंग रूप हैं (बूढ़ा/बुढिया, गुड्डा/गुड़िया, कुत्ता/कुतिया)। इसलिए इन सबका स्त्रीलिंग होना स्वाभाविक है। लेकिन धनिया न तो ऊनवाचक संज्ञा है, न किसी पुल्लिंग शब्द का स्त्रीलिंग रूप है। वह बनिया, धुनिया, गुनिया, हुलिया, तकिया की तरह का एक स्वतंत्र शब्द है और ये सबके-सब पुल्लिंग हैं।
धनिया की तरह मटर के लिंग पर भी दुविधा होती है। ‘हरा’ मटर कहना चाहिए या ‘हरी’ मटर। इस मामले में शब्दकोशों में कोई मतभेद नहीं है। यदि आप मटर संबंधी चर्चा को मिस कर गए हों तो इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।
2 replies on “273. धनिया की चटनी सही है या धनिये की चटनी?”
सर, बहुत अच्छी जानकारी दी है। अंग्रेज़ी के लिप्यांतरित शब्दों के लिंग निर्धारण पर आपकी क्या राय है। मेरी समस्या खास तौर पर कैमरा/कैमरे के लिए है जैसे कैमरा का बटन या कैमरे का बटन?
मेरे अनुसार कैमरे का बटन। जो शब्द हिंदी के नियमों में फ़िट बैठते हैं, उनपर हिंदी के नियम ही चलाना उचित है। नर्स का बहुवचन हम नर्सें ही करते हैं, नर्रिज़ नहीं।