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EC33: S को बोलेंगे ‘स’ या ‘ज़’? बताए ‘फोकट की चाय’

अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण में एक समस्या यह है कि इसमें एक ही लेटर कई-कई ध्वनियों के लिए इस्तेमाल होता है। जैसे C से ‘स’ भी होता है और ‘क’ भी। इसी तरह G से ‘ज’ भी हो सकता है और ‘ग’ भी। लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं कि कहाँ C का उच्चारण ‘क’ होगा, कहाँ ‘स’ होगा। इसी तरह G के बारे में नियम हैं जिनके बारे में हम पिछली क्लासों में पढ़ चुके हैं। आज हम ऐसे ही एक और लेटर के बारे में जानेंगे – S जिसके तीन उच्चारण होते हैं – स, ज़ और श। S का उच्चारण कब क्या होगा, इसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें या विडियो देखें।

देखें विडियो : S जब शब्द के शुरू में होता है या अंत में होता है तो उसका उच्चारण क्या होता है?

इंग्लिश में ‘स’ की ध्वनि के लिए दो लेटर हैं – C और S। C का उच्चारण कहाँ ‘क’ होगा और कहाँ ‘स’, यह हम क्लास 20 (EC20 : C का उच्चारण कहाँ ‘क’, कहाँ ‘स’?) में जान चुके हैं। आज S पर बात करेंगे। S का उच्चारण भी हर जगह ‘स’ नहीं होता। कहीं-कहीं ‘ज़’ (Hus.band=हज़बंड) और श (Sug.ar=शुग) भी होता है।

अब सवाल यह है कि क्या कोई तरीक़ा है जिससे हम जान सकें कि कहाँ S का उच्चारण ‘स’ होगा, कहाँ ‘श’ होगा और कहाँ ‘ज़’। इस बारे में कहीं कोई पक्का नियम तो नहीं है मगर मैंने कुछ कामचलाऊ फ़ॉर्म्युले बनाए हैं। उम्मीद है कि ये आपकी कुछ हद तक मदद करेंगे। 

1. शुरू में हो हमेशा स

S जब किसी शब्द के शुरू में हो तो उसका उच्चारण हमेशा स होगा। दो-तीन मामले हैं जिनमें शुरू वाले S का उच्चारण ‘श’ होता है। जैसे Sug.ar=शुग/शुगरus और Sure=शुअ/शॉ/शुअरus/शरus/शॉरus। इनसे बनने वाले शब्दों जैसे Sug.ar.cane, Sug.a.ry या Sur.e.ty, En.sure में भी यही उच्चारण होगा। S के बाद H (और कभी-कभी CH होने पर भी) उसका उच्चारण श या स्क होता है जैसे Show= शो, Sched.ule=शेड्यूल/शेजूल/स्केजुल/स्केड्यूल, Scheme=स्कीम आदि।

2. बीच में हो तो ‘स’ या ‘ज़’

S जब शब्द के बीच में हो तो उसका उच्चारण इससे तय होता है कि उसके पहले या बाद में कौनसी ध्वनि है। चूँकि ध्वनि कॉन्सनंट से आती है इसलिए इस नियम को इस तरह भी कह सकते हैं कि S से पहले या बाद में कौनसा कॉन्सनंट है। इस नियम को हम दो भाग में बाँट सकते हैं।

  1. जब S से पहले कोई कॉन्सनंट हो (और बाद में व़ावल हो) जैसे CONSENT.
  2. जब S के बाद में कोई कॉन्सनंट हो (और पहले व़ावल हो) जैसे PLASTIC

पहला नियम बहुत ही आसान है। यदि S बीच में है और उससे पहले कोई कॉन्सनंट है तो उसका उच्चारण हमेशा होगा। आइए, कुछ उदाहरण देख लेते हैं।

अब दूसरा नियम। जब S के बाद में कोई कॉन्सनंट हो। उस स्थिति में S का उच्चारण निर्भर करता है कि उसके बाद जो कॉन्सनंट है, उसकी ध्वनि क्या है। कुछ ध्वनियों से पहले वह ‘स’ होता है और कुछ के पहले ‘ज़’।

आइए, देखें वे कौनसी ध्वनियाँ (साउंड) हैं और हम उन्हें कैसे याद रखेंगे। नीचे की लिस्ट में जो ध्वनियाँ हरे रंग के ख़ाने में हैं, उन ध्वनियों से पहले S का उच्चारण ‘स’ होगा। जो ध्वनियाँ पीले रंग के ख़ानों में हैं, उन ध्वनियों से पहले ‘ज़’ होगा। मज़ेदार बात यह है कि जिनका हिंदी व्याकरण ज्ञान अच्छा है, वे इंग्लिश के इस नियम को आसानी से याद रख पाएँगे।

ऊपर मैंने हिंदी वर्णमाला दी है। आप देखेंगे कि कवर्ग से पवर्ग तक में शुरुआती दो (अघोष) वर्ण ‘स’ वाले हैं और बाद वाले घोष वर्ण ‘ज़’ वाले। यानी क, च, ट, थ आदि (हरे ख़ानों वाली) ध्वनियों से पहले S का उच्चारण ‘स’ होगा। इसी तरह ग, ज, ड, न आदि (पीले ख़ानों वाली) ध्वनियों से पहले आने पर S का उच्चारण ‘ज़’ होगा। ख, घ, छ, झ, ठ, ण, ध, भ, ष, क्ष, त्र जैसी ध्वनियाँ इंग्लिश में होती ही नहीं और ङ, ञ, श आदि ध्वनियाँ S के बाद आती नहीं इसलिए उनका मौक़ा कभी आएगा ही नहीं। इंग्लिश में फ भी नहीं होता। उसकी जगह फ़ होता है। दोनों के उच्चारण में क्या फ़र्क़ है, यह हम क्लास 24 में पढ़ चुके हैं।

यदि आप वर्णमाला के आधार पर याद न रख पाएँ तो आप याद कीजिए कि कब आपने ‘फोकट की चाय पी थी’ । जी हाँ, ‘फोकट की चाय पी थी’ में जो सात ध्वनियाँ आती हैं, उन ध्वनियों से पहले S का उच्चारण होगा ‘स’। बाक़ी मामलों में उच्चारण होगा ‘ज़’।

तो नियम नंबर 2 यह कि शब्द के बीच में आने वाले यदि S के बाद यदि फ़, क, ट, च, य, प या थ की ध्वनि आए तो S का उच्चारण ‘स’ होगा। बाक़ी सारे मामलों में उसका उच्चारण होगा ‘ज़’। कुछ ध्वनियाँ S के बाद आती ही नहीं जैसे स, ह, र, ङ, ञ, द, ज्ञ आदि। आइए, इस फ़ॉर्म्युले की जाँच करते हैं।

यहाँ होगा स 

यहाँ होगा ज़ 

Glas.gow का एक उच्चारण ग्लैस्को भी है। चूँकि -gow का उच्चारण किसी कारण से ‘गो’ नहीं, ‘को’ हो रहा है तो Glas- के S का उच्चारण भी ‘ज़’ के बजाय ‘स’ हो गया – ग्लैस्को न कि ग्लैज़्गो। इससे हमारे फ़ॉर्म्युले की पुष्टि होती है।

यहाँ एक और बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है कि जो शब्द Mis, Dis आदि प्रीफ़िक्स से शुरू होते हैं, उनमें Mis और Dis का उच्चारण हमेशा मिस- और डिस- ही रहेगा, भले ही उसके बाद D, M, N, R आदि हों। मिसाल के तौर पर Mis.deed या Dis.miss में ड (D) या म (M) की ध्वनि के बावजूद S का उच्चारण ज़ नहीं होगा। इसे मिसडीड और डिसमिस ही बोलेंगे, मिज़डीड या डिज़मिस नहीं। 

अब बचता है मामला उन शब्दों का जिनमें S के दोनों तरफ़ व़ावल हो या S शब्द के अंत में हो। इनके बारे में EC34 और EC35 में चर्चा की है।

इस क्लास का सबक़

S यदि शब्द के शुरू में हो तो (क) अधिकतर मामलों में उसका उच्चारण ‘स’ होता है। (ख) तीन-चार मामलों में उसका उच्चारण ‘श’ भी होता है जैसे Su.gar, Sure आदि। (ग) S यदि बीच में हो तो उसका उच्चारण इस बात पर तय होता है कि उससे पहले या उसके बाद कौनसी ध्वनि है। यदि S से पहले कोई कॉन्सनंट हो तो उसका उच्चारण हमेंशा ‘स’ होता है। यदि S के बाद कोई कॉन्सनंट हो तो कुछ ध्वनियों से पहले वह ‘स’ होता है और कुछ के पहले ‘ज़’। ध्वनियों के लिए ऊपर ‘यहाँ होगा स’ और ‘यहाँ होगा ज़’ की सूचियाँ देखें। इसे ‘फोकट की चाय पी थी’ से याद रख सकते हैं। (घ) S के बाद CH आए तो ‘श’ (Sched.ule=शेड्यूल) और ‘स्क’ (School=स्कूल) दोनों होता है।

अभ्यास

अख़बार से S वाले 50 शब्द चुनें और उनके उच्चारण ऊपर बताए गए नियमों के मुताबिक़ करें। फिर डिक्श्नरी से मिलाएँ।

चलते-चलते

क्रिकेट (सही उच्चारण क्रिकिट) में पारी को In.nings (इनिंग्ज़) कहते हैं, यह तो आप जानते ही होंगे। लेकिन यह शब्द बहुवचन में ही नहीं, एकवचन में भी इस्तेमाल होता है। यानी यदि एक पारी होगी तो उसे भी इनिंग्ज़ ही कहेंगे, इनिंग नहीं। कई लोग पहली या दूसरी इनिंग बोलते हैं जो कि ग़लत है। सही प्रयोग है — पहली इनिंग्ज़, दूसरी इनिंग्ज़ या दोनों इनिंग्ज़। हाँ, बेसबॉल आदि कुछ खेलों में इनिंग शब्द प्रचलित है।

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