बच्ची ने दूध पीने से ‘मना’ कर दिया, यह वाक्य सही है या ग़लत है? ‘मना’ को मैंने हाइलाइट कर दिया है ताकि आपको पता चल जाए कि ध्यान किस शब्द पर देना है। अगर आपको लगता है कि यह ग़लत है तो आगे पढ़ने की ज़रूरत नहीं है। अगर आपको लगता है कि यह वाक्य सही है तो आगे पढ़ें क्योंकि इससे आप जान पाएँगे कि मना और इन्कार के अर्थों में बड़ा अंतर है।
Author: आलिम सर
यह क्लास संस्कृत के एक आशीष वाक्य से जुड़ी है। इसमें एक शब्द आता है – वह भव है या भवः, यही है सवाल। अधिकतर लोग इसे भवः लिखते-बोलते हैं जो कि हमारे पोल से भी सामने आया। एक सीरियल के नाम में भी भवः ही था। लेकिन क्या यह सही है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
धूम्रपान सही है या धूमपान? अधिकतर लोग कहेंगे – धूम्रपान। शायद आप भी। हमारे फ़ेसबुक पोल में भी यही नतीजा आया जब 88% के विशाल बहुमत ने कहा – धूम्रपान। धूमपान के समर्थक केवल 12% थे। सही क्या है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
कुछ लोगों का शग़ल होता है कि हर महापुरुष की जयंती या पुण्यतिथि पर उनको याद करें, भले ही उन्हें उनके बारे में या उनके विचारों के बारे में रत्तीभर भी पता न हो। इस दौरान वे जिस वाक्य का इस्तेमाल करते हैं, वह है ‘शत-शत नमन’ लेकिन अधिकतर लिखते हैं ‘शत्-शत् नमन’ जो कि ग़लत है। क्यों ग़लत है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज की क्लास एक ऐसी ख़ूबी पर है जो हर इंसान दूसरे में तलाशता है लेकिन जब अपना मौक़ा आता है तो उससे परहेज़ करता दिखता है। यह ख़ूबी है सच के प्रति अपनी निष्ठा की। सवाल बस यह है कि इसे कैसे लिखेंगे या बोलेंगे – सचाई या सच्चाई?