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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

109. मेरा सरनेम याद रखना, बप्पी ‘लहरी’ मत कहना

हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में बप्पी दा का नाम उन लोगों में लिया जाता है जिन्होंने पश्चिमी धुनों का इस्तेमाल करके कई हिट गाने दिए। लेकिन मुश्किल यह है कि लोग बप्पी दा का नाम ठीक से नहीं जानते। हिंदी के रेडियो जॉकी और नामी साइटों के पत्रकार भी उनका सरनेम ग़लत लिखते हैं। आज की इस क्लास में हम यही जानेंगे कि क्या है बप्पी दा का सरनेम। रुचि हो तो पढ़ें।

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EC14 : संजीव ने किए 9 रूप धारण, OU के भी 9 उच्चारण

70 के दशक में एक मूव़ी आई थी — नया दिन नई रात — जिसमें संजीव कुमार ने 9 अलग-अलग भूमिकाएँ निभाई थीं। संजीव कुमार की तरह ou भी अंग्रेज़ी में 9 भूमिकाएँ निभाता है। आज से क़रीब 600 साल पहले ou का उच्चारण ऊ था लेकिन आज वह अपने 9 रूपों में हम भारतीयों को परेशान करता है जो समझ नहीं पाते कि Courier को कोरिअर बोलें या कुरिअर। कौनसे हैं वे 9 रूप, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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108. स्वामी से बना क्या – साँई, साईं या साँईं?

साँई बाबा, साईं बाबा, साँईं बाबा या साई बाबा? जब मैंने फ़ेसबुक पर एक पोल किया तो 63% वोट दूसरे विकल्प पर पड़े यानी साईं बाबा पर और वे सही हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बाक़ी ग़लत हैं। जिन 12% लोगों ने साँई को सही बताया, वे भी सही हैं। यही नहीं, जिन 20% लोगों ने तीसरे विकल्प यानी साँईं को सही ठहराया था, वे भी मेरे हिसाब से ग़लत नहीं हैं। ये तीनों क्यों सही हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC13 : Owl है आउल मगर Bowl नहीं है बाउल

अंग्रेज़ी में OW के दो उच्चारण चलते हैं – ‘ओ’ और ‘आउ’। OWL में उसका उच्चारण ‘आउ’ है (आउल) लेकिन OWN में ‘ओ’ है (ओन)। DOWN में भी ‘आउ’ है (डाउन) लेकिन WINDOW में ‘ओ’ है (विंडो)। मगर घबराइए नहीं। कहाँ OW का उच्चारण ‘ओ’ होगा और कहाँ ‘आउ’, इसके तीन आसान नियम हैं। हाँ, इसके कुछ अपवाद भी हैं लेकिन वे अपवाद इतने गिने-चुने हैं कि आप उनको एक बार पढ़ लेंगे तो हमेशा के लिए याद हो जाएँगे। नियम और अपवाद जानने के लिए आगे पढ़ें।

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107. गुरु सही है या गुरू – र् के साथ उ है या ऊ?

गुरु या गुरू? यह सवाल कुछ लोगों को परेशान करता है कि इसमें रु होगा या रू। लेकिन कुछ अन्य लोगों को यह बिल्कुल परेशान नहीं करता। इसलिए नहीं कि वे सही स्पेलिंग जानते हैं, बल्कि इसलिए कि उनको पता ही नहीं कि र में भी बाक़ी व्यंजनों की तरह उ की दो मात्राएँ होती हैं। गुरु हो या शुरू, वे तो बस र की दाहिनी तरफ़ एक चुटिया लगा देते हैं और समझ लेते हैं कि काम हो गया। हक़ीक़त क्या है, जानने के लिए पढ़ें।

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