संवेदना, सम्वेदना और समवेदना। ये तीन शब्द हैं जिनका उच्चारण लगभग समान है मगर स्पेलिंग में अंतर है। ये शब्द किसी के दुख में sympathy जताने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। मगर इनमें से सही क्या है? आज की चर्चा इसी विषय पर है। रुचि हो तो पढ़ें।
संवेदना, सम्वेदना और समवेदना। ये तीन शब्द हैं जिनका उच्चारण लगभग समान है मगर स्पेलिंग में अंतर है। ये शब्द किसी के दुख में sympathy जताने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। मगर इनमें से सही क्या है? आज की चर्चा इसी विषय पर है। रुचि हो तो पढ़ें।
ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी – ये भिन्न-भिन्न अर्थों वाले दो शब्द हैं या एक ही अर्थ वाले दो भिन्न शब्द? आज हम इसी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि ज़िम्मेदारी और ज़िम्मेवारी का क्या एक ही अर्थ है या अलग-अलग। यदि दोनों का एक ही अर्थ है तो पहले कौनसा शब्द कौन है। साथ में यह भी जानेंगे कि जिस मूल शब्द से ये बने हैं, वह क्या है और किस भाषा का है।
गुरुदत्त और मीना कुमारी की एक मशहूर फ़िल्म है – साहिब, बीबी और ग़ुलाम। उधर बाद के सालों में कई फ़िल्में बनीं जिनके शीर्षक में बीवी शब्द है। बीवी ओ बीवी, बीवी नंबर 1, मेरी बीवी की शादी, बीवी हो तो ऐसी आदि। ऐसे में प्रश्न उठता है कि पत्नी के लिए बीवी शब्द सही है या बीबी। यदि बीवी सही है तो बीबी का मतलब क्या है? आज की चर्चा इसी पर। रुचि हो तो पढ़ें।
लाडला सही है या लाड़ला? यदि मूल शब्द – लाड़ – को देखें तो लाड़ला ही सही प्रतीत होता है। लेकिन फिर कुछ लोग लाडला क्यों बोलते हैं? जब इस विषय में एक फ़ेसबुक पोल किया गया तो उसमें भी एक-तिहाई लोगों ने लाडला को सही बताया। क्या यह उनकी अज्ञानता है या इसमें हमारी जीभ की भी कोई भूमिका है जो उनसे लाड़ला के बजाय लाडला बुलवाती है?
कमबख़्त एक आम गाली है लेकिन उतनी भारी-भरकम नहीं कि किसी को दी जाए तो बुरी लगे। लोग लंबी बीमारी तक के लिए भी कह देते हैं – कमबख़्त जाने का नाम नहीं ले रही। मगर इस कमबख़्त का अर्थ क्या है – बेईमान, बदमाश, धोखेबाज़, बदनीयत या कुछ और? जानने के लिए आगे पढ़ें।