भक्त प्रह्लाद के बारे में आपने पढ़ा ही होगा। वह विष्णु का भक्त था जिस कारण उसका दैत्यराज पिता उससे सदैव नाराज़ रहता था। उसके पिता ने उसे मारने के कई प्रयास किए, यहाँ तक कि उसे आग में ज़िंदा जलाने की कोशिश भी की। मगर इस प्रयास में प्रह्लाद तो नहीं जला, उसकी बुआ होलिका जल गई। यहाँ तक तो आपको मालूम होगा। मगर क्या आप जानते हैं कि प्रह्लाद के पिता का नाम क्या था? हिरण्यकश्यप या हिरण्यकशिपु? आज की चर्चा इसी पर है। रुचि हो तो पढ़ें।
