कुछ शब्द होते हैं जिनके दो-दो रूप चलते हैं। ऐसा ही एक शब्द है त्योहार जिसे त्यौहार भी लिखा जाता है। ऐसे में कई बार मन में सवाल उठता है कि त्योहार लिखें या त्यौहार। आज की क्लास में इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश की है।

कुछ शब्द होते हैं जिनके दो-दो रूप चलते हैं। ऐसा ही एक शब्द है त्योहार जिसे त्यौहार भी लिखा जाता है। ऐसे में कई बार मन में सवाल उठता है कि त्योहार लिखें या त्यौहार। आज की क्लास में इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश की है।
दशहरे के दिन रावण और कुंभकर्ण के अलावा किस तीसरे व्यक्ति का पुतला जलाते हैं? विकल्प दो हैं – मेघनाद और मेघनाथ। जब मैंने फ़ेसबुक पर इसके बारे में पोल किया तो 80% ने मेघनाद के पक्ष में राय दी। 20% मेघनाथ के पक्ष में थे। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
दुविधा की स्थिति के लिए उर्दू का एक शब्द है जिसे पसोपेश भी लिखा जाता है और पशोपेश भी। सही है पसोपेश क्योंकि पस का मतलब है पीछे और पेश का मतलब है आगे। पसोपेश के अलावा एक और शब्द भी है – पेशोपस। क्या वह भी सही है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
किसी के बारे में ‘विश्वास और अभिमान के साथ दावा करने’ के अर्थ में ‘दम भरना’ सही है या ‘दंभ भरना’? मीडिया में आपको दोनों मिलेंगे। हालत यह है कि एक ही समूह के दो अख़बारों – जागरण और नई दुनिया – में कहीं ‘दम भरना’ लिखा जा रहा है तो कहीं ‘दंभ भरना’। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
अलविदा का क्या अर्थ है, फ़िलहाल के लिए विदा या हमेशा के लिए विदा? अधिकतर लोग समझते हैं कि इसका अर्थ हमेशा के लिए विदा होता है। फ़िल्मी गानों और शीर्षकों से भी यही अर्थ निकलता है। लेकिन क्या यह सच है? जानने के लिए आगे पढ़ें।